नई दिल्ली । यह शिकायत विवेक गर्ग नाम के वकील ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर से की है और केस दर्ज करने की अपील की है। खुर्शीद पर हिंदुत्व को बदनाम करने का आरोप लगाया गया है। किताब में सलमान खुर्शीद ने कहा है कि ‘हिंदुत्व का इस्तेमाल राजनीतिक फायदे के लिए होता है, चुनाव प्रचार के दौरान इसका ज्यादा जिक्र किया जाता है।’ किताब में उन्होंने कहा कि ‘सनातन धर्म या क्लासिकल हिंदुइज्म को किनारे करके हिंदुत्व को आगे बढ़ाया जा रहा है।’ किताब में हिंदुत्व की तुलना आईएसआईएस और बोको हरम जैसे आतंकी संगठनों से करते हुए सलमान खुर्शीद ने कहा कि हिंदुत्व साधु-सन्तों के सनातन और प्राचीन हिंदू धर्म को किनारे लगा रहा है, जो कि हर तरीके से आईएसआईएस और बोको हरम जैसे जिहादी इस्लामी संगठनों जैसा है। किताब में देश में हिंदुत्ववादी राजनीति के प्रभाव की चर्चा करते हुए सलमान खुर्शीद लिखते हैं, “मेरी अपनी पार्टी, कांग्रेस में, चर्चा अक्सर इस मुद्दे की तरफ मुड़ जाती है। कांग्रेस में एक ऐसा तबका है, जिन्हें इस बात पर पछतावा है कि हमारी छवि अल्पसंख्यक समर्थक पार्टी की है। यह तबका हमारी लीडरशीप की जनेऊधारी पहचान की वकालत करता है। इन्होंने अयोध्या पर आए फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए यह घोषणा कर दी कि अब इस स्थल पर भव्य मंदिर बनाया जाना चाहिए। इस रुख ने निश्चित तौर पर सर्वोच्च न्यायलय की ओर से दिए गए आदेश के उस हिस्से की अनदेखी की, जिसमें मस्जिद के लिए भी जमीन देने का निर्देश दिया गया था। सलमान खुर्शीद की किताब को लेकर बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा, हिंदुत्व की तुलना आतंकी संगठन आईएसआईएस और बोको हराम से कर दी जाती है। यह आज कांग्रेस पार्टी की विचारधारा है। यह सोनिया गांधी और राहुल गांधी के इशारे पर बार-बार होता है। वहीं, बीजेपी नेता और मध्य प्रदेश के मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा, ‘सलमान खुर्शीद ने यह किताब विवाद खड़ा करने के लिए ही छापी होगी। वे तुष्टीकरण की राजनीति का समर्थन करते हैं। कांग्रेस नेता और गांधई परिवार टुकड़े-टुकड़े गैंग के समर्थक हैं। वे देश को जाति के आधार पर बांटना चाहते हैं।’ पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद की पुस्तक ‘सनराइज ओवर अयोध्या’ के विमोचन के मौके पर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने भी हिंदुत्व को लेकर बयान दिया। उन्होंने कहा कि ‘हिंदुत्व’ शब्द का हिंदू धर्म और सनातनी परंपराओं से कोई लेनादेना नहीं है। दिग्विजय सिंह ने यह भी दावा किया किविनायक दामोदर सावरकर जी कोई धार्मिक व्यक्ति नहीं थे। उन्होंने यहां तक कहा था कि गऊ को माता क्यों मानते हो? वह हिंदू को परिभाषित करने के लिए हिंदुत्व शब्द लाए। इससे लोग भ्रम में पड़ गए। आरएसएस अफवाह फैलाने में माहिर है। अब तो सोशल मीडिया के रूप में उन्हें बड़ा हथियार मिल गया है।
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