मनाली । हिमाचल प्रदेश में मौसम ने करवट बदली है। हाल के दिनों में हुई भारी बर्फबारी और वर्षा की वजह से बातल में अब भी काफी लोग फंसे हुए हैं। बर्फबारी के कारण चंद्रताल व कुंजम के पास बातल में फंसे 80 पर्यटकों में से 59 को छह दिन बाद रेस्कयू कर लिया गया है। 21 से अधिक लोग व कुछ वाहन सात दिन बाद भी फंसे हुए हैं।
बातल में फंसे लोगों तक पहुंचने को बीआरओ ने पूरी ताकत झोंक दी है। बीआरओ की टीम बड़ा दड़ा से आगे निकल गई है। लेकिन जगह-जगह पड़ने वाले गेलिशयर उनकी राह में बाधा बने हुए हैं। बातल समुंद्र तल से साढ़े 13 हजार फीट से ज्यादा की ऊंचाई पर है। यहां अभी ढाई फीट से ज्यादा बर्फ गिरी हुई है।
बातल में फंसे लोगों के लिए यहां का मशहूर ढाबा सहारा बना हुआ है। बातल में रहने के लिए चाचा-चाची के ढाबे सहित लोक निर्माण विभाग का रेस्ट हाउस भी है। लेकिन एक सप्ताह से फंसे इन लोगों की दिक्कत लगातार बढ़ती जा रही है। हिम आंचल टैक्सी यूनियन मनाली के अध्यक्ष पूर्ण चन्द ठाकुर ने कहा मनाली के पर्यटक वाहन बातल में फंसे हुए हैं। उन्होंने बीआरओ सहित लाहुल स्पीति प्रशासन से आग्रह किया कि सड़क की जल्द बहाली कर इन वाहनों को बातल से निकालने में मदद की जाए।
बीआरओ कमांडर कर्नल उमा शंकर ने बताया शनिवार सुबह से बीआरओ की टीम बातल तक सड़क बहाल करने में जुटी हुई है। उन्होंने बताया टीम छोटा दड़ा से आगे निकल गई है। सड़क बहाली युद्धस्तर पर जारी है। टीम के शाम तक बातल पहुंचने की उम्मीद है। बातल में लोगों को खाने पीने के लिए चाचा-चाची का ढाबा ही एकमात्र सहारा है। छह दिन फंसे रहे अन्य पर्यटकों के लिए भी यही ढाबा सहारा रहा। यहीं पर लोगों के खाने पीने की व्यवस्था की गई। इससे पहले भी चाचा-चाची ढाबा संचालक दंपति बर्फबारी के फंसे लोगों की मदद कर चुके हैं।
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