इस्लामाबाद । पाकिस्तान की सबसे कट्टरपंथी धार्मिक पार्टी तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) शुक्रवार को लाहौर से इस्लामाबाद तक रैली करने जा रही है। टीएलपी के इस ऐलान के बाद से पूरे पाकिस्तान में पुलिस और दूसरी सुरक्षा एजेंसियों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। टीएलपी के मौलानाओं ने चेतावनी दी है कि अगर उन्हें रोकने की कोशिश की गई तो उनके पास प्लान-बी पहले से ही तैयार है। टीएलपी ने अप्रैल महीने में पूरे पाकिस्तान को कई दिनों तक हिंसा की आग में जलाए रखा था। जिसके बाद पाकिस्तान की सरकार ने उसे प्रतिबंधित भी कर दिया था। प्रतिबंध के बावजूद टीएलपी के हजारों कार्यकर्ताओं ने लाहौर में बैठक की। इसमें टीएलपी के संस्थापक खादिम रिजवी के बेटे हाफिज साद हुसैन रिजवी की रिहाई के लिए पंजाब सरकार पर दबाव बनाने को लेकर चर्चा हुई। टीएलपी के मौलानाओं ने कहा कि उनके समर्थक 22 अक्टूबर को लाहौर से इस्लामाबाद तक मार्च करेंगे। इसके अलावा पूरे देश में साद हुसैन रिजवी की रिहाई के लिए सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी किया जाएगा।
साद हुसैन रिजवी को पंजाब सरकार ने 12 अप्रैल को हिंसा भड़काने के आरोप में गिरफ्तार किया था। जिसके बाद से ही वह सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस हिरासत में है। शुरू के तीन महीने उसे हिंसा भड़काने के आरोप में हिरासत में रखा गया। 10 जुलाई को पाकिस्तान पुलिस ने साद हुसैन रिजवी को आतंकवाद विरोधी अधिनियम के तहत हिरासत में लिया था। अब पाकिस्तान की फेडरल रिव्यू बोर्ड 23 अक्टूबर को साद की हिरासत को लेकर समीक्षा करेगी। खादिम हुसैन रिजवी के आकस्मिक निधन के बाद साद रिजवी तहरीक ए लब्बैक पाकिस्तान पार्टी का नेता बन गया था। रिजवी के समर्थक, देश के ईशनिंदा कानून को रद्द नहीं करने के लिए सरकार पर दबाव बनाते रहे हैं। पार्टी चाहती है कि सरकार फ्रांस के सामान का बहिष्कार करे और फरवरी में रिजवी की पार्टी के साथ हस्ताक्षरित करारनामे के तहत फ्रांस के राजदूत को देश से बाहर निकाले।
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