काबुल: तालिबान ने ब्रिटिश सैनिकों के लिए अफगानिस्तान छोड़कर जाने की डेडलाइन तय कर दी है. आतंकी संगठन ने कहा है कि यदि एक हफ्ते के अंदर ब्रिटेन की सेना वापस नहीं गई, तो उसे अंजाम भुगतना होगा. बता दें कि काबुल एयरपोर्ट इस वक्त अमेरिकी और ब्रिटिश सेना के हवाले है. दोनों देश अपने नागरिकों के साथ-साथ मुश्किल वक्त में काम आने वाले अफगानियों को भी सुरक्षित बाहर निकाल रहे हैं. जिस तरह के हालात हैं, उसे देखते हुए एक हफ्ते में रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा करना संभव नहीं है. ऐसे में तालिबान की डेडलाइन ने ब्रिटेन की चिंता बढ़ा दी है.
आज Biden से मिलेंगे Johnson
तालिबान ने धमकी देते हुए कहा है कि अगर एक हफ्ते के भीतर ब्रिटिश सैनिकों ने काबुल एयरपोर्ट नहीं छोड़ा, तो फिर उन्हें युद्ध के लिए तैयार रहना होगा. आतंकी संगठन ने कहा है कि इससे एक मिनट की देरी भी भीषण संघर्ष का कारण बन सकती है. वहीं, G7 बैठक के दौरान ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन आज अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से मुलाकात करेंगे. जॉनसन यूएस प्रेसिडेंट से अफगानिस्तान से वापसी की 31 अगस्त की डेडलाइन को बढ़ाने की मांग करेंगे, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को बाहर निकाला जा सके.
तेज किया Rescue Mission
जानकारों के मुताबिक, यदि अमेरिका डेडलाइन बढ़ाने से इनकार कर देता है, तो अगले सात दिन केवल सैनिकों को ही अफगानिस्तान से बाहर निकालने में चले जाएंगे. ऐसे में मुल्क छोड़कर जाने की आस के साथ हवाईअड्डे पहुंचे अफगानियों को मायूसी हाथ लगेगी. इस बीच, ब्रिटेन ने रेस्क्यू मिशन को तेज कर दिया है. उसके कई विमान काबुल के चक्कर लगा रहे हैं, ताकि जल्द से जल्द ज्यादा से ज्यादा लोगों को वहां से निकाला जा सके.
उम्मीद से पहले हुआ कब्जा
अमेरिका ने अफगानिस्तान से पूरी तरह निकलने के लिए 31 अगस्त की डेडलाइन तय की थी, लेकिन उससे पहले ही तालिबान ने कब्जा जमा लिया. अब जिस तरह से अफगानिस्तान छोड़ने वालों की भीड़ एयरपोर्ट पहुंच रही है, उसे ध्यान में रखते हुए यह समयसीमा बेहद कम है. ऐसे में तालिबान की धमकी ने स्थिति और भी चिंताजनक कर दी है. दुनियाभर के करीब 230 विमान इस वक्त रेस्क्यू मिशन में लगे हैं. जिसमें Delta, American Airlines और United Airlines के 18 सिविलियन एयरक्राफ्ट भी शामिल हैं.
Airlift किए जाने का इंतजार
इस समय करीब 1800 ब्रिटिश नागरिक और उनकी मदद करने वाले 2500 अफगानी एयरलिफ्ट किए जाने के इंतजार में काबुल हवाईअड्डे पर हैं. 14 अगस्त से अब तक यूएस और यूके लगभग 37,000 लोगों को अफगानिस्तान से बाहर निकाल चुके हैं, लेकिन अभी भी काफी काम बचा है. अब देखने वाली बात ये होगी कि अगर अमेरिका डेडलाइन बढ़ाने की मांग स्वीकार कर लेता है, तो तालिबान का रुख क्या रहेगा.