दक्षिणापथ,रायगढ़ (सरोज श्रीवास)। हमर पारा टोली से शिक्षा का मार्ग हुआ प्रशस्त हम बात कर रहे हैं घरघोड़ा विकासखंड के प्राथमिक शाला चारमार की जहां एक और पूरे विश्व को रोना जैसे वैश्विक महामारी की ओर से जूझ रहा है तो वहीं दूसरी ओर शिक्षक टिकेश्वर पटेल एवं दोनो शिक्षक ने बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़े रखने के लिए शासन द्वारा पढ़ई तुहर द्वार योजना चलाकर एवं बच्चों को ऑफलाइन एवम ऑनलाइन शिक्षा उपलब्ध कराने हेतु शासन द्वारा जो निर्देश दिया गया था। उसके तहत कोविड-19 के नियमों का पालन करते हुए सभी बच्चों के बीच में समाजिक दूरी बनाते हुए पारा मोहल्ला क्लास की शुरुआत की जिसमें शत प्रतिशत बच्चे ने पारा मोहल्ला क्लास का लाभ लिया।
-विपरीत परिस्थितियों में भी शिक्षक ने की अटूट मेहनत शिक्षक टिकेश्वर पटेल बताते हैं कि चारमार घने वनांचल होने के कारण यहां नेटवर्क की समस्या हमेशा बनी रहती है, जिससे शिक्षको को ऑनलाइन क्लास लेने में एवं बच्चों को ऑनलाइन पढ़ने में बहुत बड़ी कठिन समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है इसी समस्या को देखते हुए गरीब होनहार बच्चे के भविष्य को उज्जवल बनाने हेतु शिक्षक पटेल ने पाठ्यक्रम के अलावा विभिन्न प्रतियोगी परीक्षा जैसे नवोदय विद्यालय, सैनिक स्कूल, एकलव्य स्कूल एवं जवाहर उत्कर्ष की पढ़ाई स्वयं अपने गांव में बच्चों को दो दो घंटे सुबह शाम मोहल्ला क्लास ले रहे हैं।
–बेहत्तर पढ़ाई की वजह से दूर से आते हैं बच्चे
यहां पदस्थ प्रधान पाठक उदे राम राठिया बताते हैं कि टिकेश्वर पटेल ने इस सरकारी स्कूल के बच्चों को अंग्रेजी एवं गणित बेहत्तर सिखाने की नींव रखी। यहां बच्चों को शिक्षा के अलावा संस्कार एवं खेल पर भी विशेष ध्यान दिया जाता है। अच्छी शिक्षा एवं संस्कार की वजह से आज इस सरकारी स्कूल मे 20-22 बच्चे 17 किलोमीटर दूर शिक्षा ग्रहण करने आते हैं। सबसे बड़ी उपलब्धि यह है कि पूर्व में तीनों शिक्षक के बच्चे इसी सरकारी स्कूल से पढ़कर नवोदय में चयन हुए हैं।
–बाइक से बच्चों को घर से मोहल्ला क्लास लाते हैं एवम घर तक छोड़ते हैं, तथा प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी भी
सीमित संसाधनों एवं चुनौतियों के बीच शिक्षा की अलख जगा पाना किसी चुनौती से कम नहीं ।लेकिन इस शिक्षक ने अपनी मेहनत एवं लगन से वनांचल क्षेत्र में शिक्षकों के बीच एक अलग पहचान बना रखी है। वर्तमान में प्राथमिक शाला चार मार में 85 बच्चे दर्ज हैं, जिसमें अधिकांश 20 से 22 बच्चे बाहर से आते हैं एवं साथ में तीनों शिक्षक कोई न कोई बच्चे को जरूर लाते हैं। अधिकतर विद्यार्थी धनवार, मांझी एवं लोहार हैं, में अधिकतर बच्चों को प्रतिदिन लेने जाना पड़ता था आज शिक्षक के अथक प्रयास और मेहनत से माता पिता एवं पालकों को कई बार शैक्षिक महत्व बताते हुए बैठक कर स्कूल तक लाने का प्रयास ही नहीं, वरन छुट्टी होने के बाद गांव एवं क्षेत्र के बच्चों को प्रतियोगी परीक्षा के लिए तैयार भी कर रहे हैं। इसके पढ़ाए बच्चे आज भी हर गांव से निकलकर डीपीएस, नवोदय विद्यालय, सैनिक स्कूल, जवाहर उत्कर्ष एवं एकलव्य में चयन होकर अच्छी तालीम ले रहे हैं।
–एकलव्य विद्यालय प्रवेश परीक्षा 2020 -21 में टॉप टेन में 8 में से 8 छात्रों को मिला स्थान
आदर्श आवासीय विद्यालय प्रवेश परीक्षा 2020-21 में एकलव्य विद्यालय छोटेमुड़पार, एकलव्य विद्यालय बायसी एवं एकलव्य विद्यालय छर्राटांगर के लिए लगभग 400 छात्र-छात्राओं ने परीक्षा मैं सम्मिलित हुए थे जिसमें रायगढ़ जिले के घरघोड़ा विकासखंड की एक ही सरकारी स्कूल चारमार से 8 छात्र/छात्राओं 1. शीतल रानी भगत/ सिया राम भगत.2 निवेदिता भगत/गणेश राम भगत,3. हरिप्रभा भगत /शंकर लाल 4.आलोक धनवार/अंजू कुमार,5 आलोक राठिया/लाभों राम राठिया 6.हिमांशू राठिया भागीरथी राठिया 7. ललित धनवार/राधेश्याम 8. जानकी धनवार/लेखराम धनवार ने परीक्षा दिया था। जिसमे सभी छात्र-छात्राओं ने रायगढ़ जिले में टॉप किया।इस प्रकार पूरे जिले के शिक्षक समुदाय ने शिक्षक पटेल को शुभकामनाएं देकर चयनित बच्चो के उज्ज्वल भविष्य की कामना की।