दक्षिणापथ, दुर्ग। ‘छत्तीसगढ़ शिक्षक महाफैडरशन CGTGF’ का प्रांतीय डेलिगेशन प्रांताध्यक्ष राजेश पाल के नेतृत्व में महानदी भवन में शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डॉ आलोक शुक्ला को ज्ञापन सौंपा । ज्ञापन के माध्यम से उन्होनें संविलियन प्राप्त शिक्षकों के विभिन्न समस्याओं पर शासन प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराया। संविलियन प्राप्त शिक्षकों के पदनाम से एलबी शब्द हटाने के मुख्यमंत्री सचिवालय से जारी पत्र पर विभाग द्वारा शीघ्र सकारात्मक कदम उठाए जाने की पैरवी की एवं महंगाई भत्ते का लंबित 16 प्रतिशत एक साथ देने , एरियस भुगतान करने महाफैडरशन की मांग पर शासन द्वारा लिए गए सकारात्मक आदेश, जिसमें संविलियन प्राप्त शिक्षकों को दो वर्ष पश्चात के वेतन वेटेज देने की बात कही गई उनके पुरे प्रदेश में एक साथ समय सारणी बनाकर शिक्षकों को अगले वेतन के साथ देने के अलावा हाउस रेंट अलाउंस को सातवें पे के अनुसार दिए जाने की मांग पर चर्चा की गई। सहायक शिक्षक को समानुपातिक वेतन देकर उनके वेतन विसंगति को दूर करने और स्थानांतरण पर मुख्यमंत्री के नियम का स्वागत करते हुए प्रतिबंध हटाने की मांग की । वहीं संवर्ग के शिक्षकों को प्रथम नियुक्ति तिथि से सेवा को जोडने एवं तदनुसार क्रमोन्नति वेतनमान व पदोन्नति देने की मांग पर जोर दिया गया। संगठन ने पंचायत साथियों के परिवारजनो को अनुकंपा नियुक्ति नियमों में शिथिलता का आग्रह किया। चुंकि शैक्षणिक सत्र आरंभ हो चुका है अतः शिक्षकों का ध्यान पठन पाठन कार्य में है, लिहाजा बच्चों का भविष्य प्रभावित न हो इसलिए शिक्षक की गैरशिक्षकीय कार्यों में संलग्न नहीं करने की अपील की गई है। संगठन ने सभी शिक्षकों से अपील किया है कि राज्य शासन से जारी कोविड 19 गाइड लाइन का पूर्ण पालन करते हुए अपनी शैक्षणिक गतिविधिया जारी रखे ।
महाफैडरएशन के प्रदेश अध्यक्ष राजेश पाल के नेतृत्व में महामंत्री प्रणव मांडरिक, प्रदेश मीडिया प्रभारी रितेश टिकरिहा, प्रदेश संयोजक रामकृष्ण देवांगन, दुर्ग जिला अध्यक्ष जलेश्वर साहू, प्रदेश प्रमुख सलाहकार प्रकाश चौबे,गौतम चंद्राकर, जिला पदाधिकारी तारेंद देवांगन, संतोष मस्तावर,कमल देवांगन,संगठन सचिव हेमंत मढरिया, प्रदेश महिला प्रकोष्ठ प्रभारी ममता सूर्यवंशी, ज्योति नेताम, सुधा राय , अनिल बनपेला , जोगेंद्र साहू, कमल साहू। सलीमुद्दीन खान ने समवेत स्वर में कहा कि सभी मांगों पर शासन प्रशासन की ओर से शीघ्र सकारात्मक कदम उठाए जाएं, अन्यथा आने वाले समय में उग्र आंदोलन किया जाएगा, जिसकी पूरी जिम्मेवारी शासन प्रशासन की होगी। प्रदेश अध्यक्ष राजेश पाल ने सभी शिक्षकों को एक जुट रहने की अपील करते हुए कहा कि हमें अभी भी प्रदेश के मुख्यमंत्री पर पूर्ण भरोसा है कि वे शिक्षकों की समस्याओं को शिद्दत से हल करने कदम उठाएंगे ।
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