-बजरंग दल ने सीएम भूपेश के नरवा, गरूवा, घुरवा व बाड़ी योजना को भी सराहा
दक्षिणापथ, दुर्ग। गौवंश के संवर्धन, संरक्षण एवं गौवंश की तस्करी को रोकने प्रदेश बजरंग दल ने राज्य सरकार को छत्तीसगढ़ में गौ अभ्यारण बनाने का सुझाव दिया है। यह गौ अभ्यारण गौवंश के लिए सभी सुविधाओं से लैस होगा। जहां गौवंश के चारा-पानी व इलाज की व्यवस्था होगी, वहीं उनके गोबर व मूत्र का उपयोग कर खाद का निर्माण भी किया जाएगा। गौ अभ्यारण में एक तो गौवंश पूरी तरह सुरक्षित रहेंगे, साथ ही यहां तैयार होने वाले खाद से प्रदेश में जैविक खेती को बढ़ावा मिलेगा। यह गौ अभ्यारण की योजना छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नरवा, गरूवा, घुरवा व बाड़ी योजना को ग्रामीण अर्थव्यवस्था के हिसाब से और अधिक असरकारी बनाएगी। इसके अलावा गौवंश के संवर्धन व संरक्षण में अहम स्थान रखने वाले प्रशासनिक तंत्र वेटनरी विभाग व पुलिस प्रशासन के कार्यशैली में सुधार लाने राज्य सरकार से आवश्यक कार्रवाई करने बजरंग दल आग्रह करेगी। इस संबंध में प्रदेश बजरंग दल का प्रतिनिधिमंडल जल्द ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू, कृषि मंत्री रविंद्र चौबे व छत्तीसगढ़ गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष से मुलाकात कर गौ अभ्यारण के मूल उद्देश्यों से अवगत कराकर छत्तीसगढ़ के जिलों में गौ अभ्यारण बनाने मांग करेंगी। यह बातें बजरंग दल के प्रदेश संयोजक रतन यादव, प्रदेश गौ रक्षा प्रमुख ओमेश बिसेन,विश्व हिंदू परिषद के प्रदेश अध्यक्ष संतोष गोलछा ने मंगलवार को मीडिया से संयुक्त चर्चा में कही। इस दौरान बजरंग दल के विभाग सहमंत्री अनिल सिंह, संपर्क प्रमुख राकेश शिंदे एवं अन्य पदाधिकारी मौजूद थे। चर्चा में प्रदेश बजरंग दल के संयोजक रतन यादव ने बताया कि प्रदेश में बजरंग दल द्वारा गौवंश के संवर्धन व संरक्षण का बीड़ा उठाया गया है। जिसमें बजरंग दल को काफी हद तक सफलता मिली है, लेकिन गौ रक्षकों को प्रशासनिक तंत्र का सहयोग नहीं मिलने से बजरंग दल का मकसद अभी भी अधूरा है। प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गौवंश के संवर्धन व संरक्षण के लिए पहल की है।
प्रदेशभर में गौवंश को व्यवस्था देने गोठान खोले गए हैं, वहीं ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने नरवा, गरूवा, घुरवा व बाड़ी योजना की शुरुआत की गई है। जिससे गौवंश के संवर्धन की दिशा में प्रदेश में नई उम्मीद जागी है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की इस पहल का बजरंग दल स्वागत करती है, लेकिन योजनाओं का सही ढंग से क्रियान्वयन नहीं होने के कारण गौवंश अभी भी गोठान में चारा-पानी व इलाज के लिए तरस रहे हैं। वेटनरी विभाग की लापरवाही के कारण कई गौवंश दम तोड़ चुके हैं। पुलिस विभाग की उदासीनता की वजह से गौ तस्करी पर विराम नहीं लग पा रहा है। श्री यादव ने बताया कि मुख्यमंत्री व गृहमंत्री का गृह जिला दुर्ग गौवंश की तस्करी का प्रदेश में प्रमुख अड्डा बन गया है। दुर्ग से गौवंश की तस्करी महाराष्ट्र, उड़ीसा और झारखंड में की जा रही है। जो चिंतनीय है। श्री यादव ने कहा है कि गौवंश के संवर्धन, संरक्षण व गौवंश की तस्करी रोकने में गौ अभ्यारण काफी असरकारी साबित होगा। इस दिशा में राज्य सरकार को पहल करना चाहिए। प्रदेश गौरक्षा प्रमुख ओमेश बिसेन व विश्व हिंदू परिषद के प्रदेश अध्यक्ष संतोष गोयल ने कहा है कि प्रदेश में गौ अभ्यारण बनने से जहां गौवंश सुरक्षित रहेंगे, वहीं उनके गोबर व मूत्र के उपयोग से तैयार होने वाले खाद से प्रदेश में जैविक खेती को बढ़ावा मिलेगा। गौवंश के संवर्धन व संरक्षण के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल काफी गंभीर है।अगर छत्तीसगढ़ में गौ अभ्यारण योजना की दिशा में कार्य किया गया, तो यह सही मायनों में गौ सेवा होगी।
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