शिकायत के बाद आदिवासी का जमीन, गैर आदिवासी में…… फिर आदिवासी के नाम
राजस्व अधिकारी पटवारी के फर्जी कार्य करने वालों से सरकार की हो रही है किरकिरी
पुलिस मामले को राजस्व विभाग का है कहकर झाड़ रहा है पल्ला
धमतरी जिला के विकासखंड मगरलोड ग्राम धौराभाठा का मामला
प्रार्थी ने की कलेक्टर एसपी अनुसूचित जनजाति थाना में शिकायत
नामांतरण में 23 लाख 5100 रुपया आदिवासी परिवार को देना भी उल्लेखित
दक्षिणापथ, मगरलोड ( टोमन लाल सिन्हा )। जिला धमतरी के विकासखंड मगरलोड के ग्राम धौराभाठा (नवागांव) निवासी छविराम नगारची पिता कार्तिक राम अनुसूचित जनजाति उनके भाई दीनदयाल हीरालाल बहन लीला बाई ओमिन बाई माता कुंज बाई के संयुक्त नाम पर ग्राम धौराभाठा पटवारी हल्का नंबर 10 जिला धमतरी में पैतृक भूमि खसरा नंबर 558 रकबा 0.130 हेक्टेयर भूमि स्थित है। भाई बहन सहमत होकर हल्का पटवारी 10 सुरेश कुमार के पास 25 फरवरी 2021 को उनकी कार्यालय में जाने से पटवारी ने बताया कि उक्त भूमि नामांतरण क्रमांक 35 के आदेश पर 16-11-2019 को नामांतरण गैर आदिवासी उत्तम साहू पिता लक्ष्मण साहू ग्राम धौराभाठा विकासखंड मगरलोड के नाम पर किया गया है। आदिवासी भाई बहनों की पैतृक संयुक्त खाते की भूमि को बिना कलेक्टर अनुमति,बिना रजिस्ट्री, बिना गवाह के गैर आदिवासी उत्तम साहू पिता लक्ष्मण साहू के नाम में होने से किसान छवि राम नगारची परिवार की हालत चिंताजनक हो गई। पटवारी एवं राजस्व अधिकारी की मिलीभगत से फर्जी ढंग से कूट रचना कर गोपनीय रूप से जबरदस्ती भूमि को उत्तम साहू पिता लक्ष्मण साहू के नाम पर जानकारी मिलने पर छबी ने तत्काल खसरा नंबर 558 रकबा 0.130 हेक्टेयर की बी1 एवं नामांतरण निकाल कर 24 मार्च 2021 को धमतरी कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, अनुसूचित जनजाति थाना धमतरी, थाना मगरलोड मे लिखित शिकायत की। किसान छवि राम नगारची ने बताया हमारे आदिवासी जमीन को बिना कलेक्टर आदेश के बिना गवाह बिना रजिस्ट्री के गैर आदिवासी उत्तम साहू के नाम पर नामांतरण किया गया है। ऐसे किसान एवं इसमें संलिप्त पटवारी एवं राजस्व अधिकारी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के साथ अधिकारियों को भी पद मुक्त बर्खास्त करनी चाहिए । उन्होंने अपराध दर्ज करने व कानूनी कार्रवाई की मांग किया है। इसकी प्रतिलिपि उन्होंने राजस्व मंत्री ,अनुसूचित जनजाति मंत्री छत्तीसगढ़ शासन प्रभारी मंत्री, पुलिस महानिदेशक रायपुर को प्रेषित किया है।
कुछ लोग मामले को दबाने के लिए राजस्व अधिकारी व पटवारी तथा फर्जी नामांतरण करने वाले किसान का एजेंट के रूप में किसान से मिलकर छविराम नगारची से समझौता कराने की भी बात कर रहे हैं।
यह बताना जरूरी है कि आदिवासी छविराम नगारची की जमीन को हड़पने वाले उत्तम साहू पिता लक्ष्मण साहू अपने ही परिवार के लोगों को गवाह बना कर नामांतरण मे सांठगांठ कर आदेश क्रमांक 35 के आधार पर नामांतरण 16 नवंबर 2019 को किया गया है। जबकि अधिकारी को बिक्री करने वाले किसान रजिस्ट्री की कॉपी को देखकर ग्राम पंचायत के वरिष्ठ व्यक्तियों द्वारा पूछताछ करने के बाद ही नामांतरण होनी चाहिए ।
पुलिस इस मामले पर तीन महीना शिकायत होने के बाद भी अभी तक कोई विशेष कार्यवाही नहीं की है जिसकी सर्वत्र चर्चा है।
अब यही कहावत चरितार्थ हो रहा है सैंया भए कोतवाल तो डर काहे का। इस तरह राजस्व अधिकारी पटवारी के फर्जी कार्य करने वालों से सरकार की फजीहत हो रही है।
मामले की शिकायत होने पर आदिवासी की जमीन को गैर आदिवासी में लाया गया था जिसे पुनः बिना कोई जानकारी की आदिवासी के नाम पर फिर ला दिया गया है जो चर्चा का विषय है। नेता एवं उच्च अधिकारी भी इस मामले पर अभी तक क्यों कार्यवाही नहीं कर रहे हैं यह सोचनीय विषय है। पुलिस मामले को राजस्व विभाग का है कह कर पल्ला झाड़ रहे हैं। अगर यही कोई गरीबों के साथ हो जाता तो आज वह सलाखों के पीछे रहते ।
लोगों में यह जानने की उत्सुकता है कि इतनी बड़ी मामला में आखिर कार्यवाही क्यों नहीं की जा रही है। अभी तक इस मामले पर क्या कार्यवाही हुई यह पता नहीं चल पाया है। या हम यूं कहें कि अब मगरलोड में राजस्व विभाग में अधिकारी कर्मचारियों की सांठगांठ से किसानों की जमीन खिलौना बन सकता है। कभी भी किसी के नाम में आ सकता है और शिकायत होने पर उन्हें बिना जांच के वापस भी की जा सकती है।
इस मामले पर कलेक्टर पीएस एलमा ने बताया एसडीएम को जांच के लिए भेजा गया है
अजाक थाना धमतरी जांच अधिकारी शंकरलाल नवरत्न ने कहा कि मामला राजस्व विभाग का है। उसमें तहसीलदार पटवारी एवं जमीन लेने वाले फर्जी वाडा किए हैं जो जांच कर एसडीएम साहब आदेश देगा तो हम अपराध कायम करेंगे।
मगरलोड नायब तहसीलदार निवेश कुरेटी ने कहा कि रजिस्ट्री कापी देखकर ही नामांतरण करते हैं । पटवारी से बात कर लो कभी सॉफ्टवेयर भी धोखा दे देता है। उत्तम के नाम जमीन दर्ज होने के बाद कैसे वापस दुरुस्त किया यह पटवारी ही बताएंगे।
मगरलोड थाना प्रभारी प्रणाली वैद्य ने कहा कि छवि नगारची द्वारा रेवेन्यू संबंधित शिकायत प्राप्त हुई है। जिला मुख्यालय से भी शिकायत प्राप्त हुआ है। शासकीय दस्तावेज रेवेन्यू संबंधी कूट रचना की शिकायत की जांच कर रही है सही पाई गई तो आईपीसी की धारा 420, 467, 468 लग सकती है।
पटवारी सुरेश कुमार वत्सल से मौखिक जानकारी लेने पर कहा – मेरे से गलती त्रुटि तो हुआ है धोखा मेरे से हो गया।
वही इस मामले का उजागर होने के बाद फर्जी तरीका से कृषि भूमि खरीदने वाले उत्तम पिता लक्ष्मण साहू समझौता करने के पक्ष में है।