दक्षिणापथ।केला फाइबर, कैल्शियम और आयरन जैसे कई जरूरी पोषक तत्वों से समृद्ध माना जाता है जो सेहत को ढेरों लाभ पहुंचाते हैं। फिर भी कई लोग इसे अपनी डाइट में शामिल करने से हिचकिचाते हैं। इसका मुख्य कारण यह है कि उनके मन में इस फल से जुड़े कई भ्रम हैं जिन्हें वे सच मानते हैं, लेकिन इनकी सच्चाई कुछ और ही है। आइए आज हम आपको केले से जुड़े कुछ भ्रम और उनकी सच्चाई बताते हैं।
भ्रम- मधुमेह रोगियों को केला नहीं खाना चाहिए
यह सिर्फ एक भ्रम है कि मधुमेह रोगियों को केला नहीं खाना चाहिए। असल में यह फल मधुमेह रोगियों के लिए सुरक्षित है क्योंकि इसमें कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है जो रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है। बता दें कि केले में फाइबर, स्टार्च, कई विटामिन्स, खनिज, फाइटोकेमिकल्स और एंटी-ऑक्सीडेंट जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं जो मधुमेह रोगियों के लिए लाभकारी होते हैं।
भ्रम- केले की मिठास सेहत को नुकसान पहुंचाती है
अगर आप इस वजह से केले का सेवन नहीं करते हैं कि इसमें बहुत अधिक मिठास होती है जो सेहत को नुकसान पहुंचा सकती है तो आपको बता दें कि यह सिर्फ एक भ्रम है। सच बात तो यह है कि केले में फ्रुक्टोज और विटामिन-क्च की भरपूर मात्रा शामिल होती है। ये ऐसे पोषक तत्व हैं जो प्राकृतिक चीनी का एक अच्छा स्रोत माने जाते हैं और इनसे सेहत पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता।
भ्रम- केले के सेवन से वजन बढ़ता है
कई लोग इस बात को सच मानकर केले का सेवन नहीं करते हैं कि इससे उनका वजन बढ़ेगा, जबकि इसकी सच्चाई कुछ अलग ही है। वास्तविकता में यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप केले का सेवन किस तरह से करते हैं। उदाहरण के लिए, अगर आप केले का शेक बनाने के लिए उसके साथ ढेर सारी चीनी और आईसक्रीम का इस्तेमाल करेंगे तो फिर आपका वजन बढऩा लाजिमी है। केवल केले के सेवन से वजन नहीं बढ़ता।
भ्रम- उच्च रक्तचाप से ग्रसित लोगों के लिए केले का सेवन नुकसानदायक होता है
यह भी सिर्फ एक भ्रम के अलावा और कुछ नहीं है कि उच्च रक्तचाप से ग्रसित लोगों के लिए केले का सेवन नुकसानदायक होता है। सच बात तो यह है कि केला विटामिन-क्च6, खनिज, पोटैशियम और फाइबर का एक अच्छा स्रोत है जो उच्च रक्तचाप रोगियों के लिए लाभदायक होते हैं। इसके अलावा केले में कोलेस्ट्रॉल और बैड फैट नहीं होता है, इसलिए केले का सेवन उच्च रक्तचाप से ग्रसित लोगों के लिए सुरक्षित है।
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