-समूह के द्वारा मिले वित्तीय सहायता से ग्रामीण महिलाएं हो रही लाभान्वित
दक्षिणापथ, कवर्धा। ग्राम पंचायत घुघरी खुर्द विकासखंड कवर्धा में संचालित जय महामाया स्व सहायता समूह की सदस्य परनिया राजपूत द्वारा कोचई बेचकर आमदनी कमा रही है। इस समूह में 10 सदस्य हैं जो सभी परंपरागत कृषि व्यवसाय से जुड़ी हुई है इन्हीं में से एक सदस्य परनिया राजपूत ने मात्र 28 हजार रुपए की लागत लगाकर कोचई का उत्पादन अपने डेढ़ एकड़ की भूमि पर किया है। फसल तैयार होने के बाद इनके यहां अब तक 84 क्विंटल कोचई का उत्पादन हो चुका है, जिसे बेचकर लगभग एक लाख 40 हजार रुपये से अधिक की आमदनी हो गया है। फसल उत्पादन के लिए इन्हें राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान योजना की सहायता प्राप्त हुई, जिसमे समूह को जारी किए गए राशि में से इनके द्वारा वित्तीय सहायता ली गई और अपने परंपरागत कार्य को किया गया। घर से कुछ पैसा लगाते हुए इनके द्वारा समहू से वित्त सहायता पाकर खाद बीज आदि की व्यवस्था की गई।
उल्लेखनीय है कि इनके द्वारा कोचई उत्पादन में जैविक खाद का प्रयोग किया गया जोकि बहुत ही कम दर पर मिलने के साथ फसल के लिए लाभकारी सिद्ध हुआ है। यही कारण है कि कम लागत में अच्छा पैदावार हासिल हुआ जिसे आसपास के बाजारों में बेचते हुए इन्हें बड़ी राशि प्राप्त हुई है जो सीधे तौर पर इनके परिवार को हुए लाभ को दर्शाता है। इस संबंध में चर्चा करते हुए मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत कबीरधाम विजय दयाराम के. बताते हैं कि महिला समूह के सभी सदस्य कुछ ना कुछ कार्य से जुड़े हुए हैं एवं पूर्व से ही कोचई उत्पादन का कार्य इनका घरेलू कार्य रहा है।
समूह में जुड़ने के बाद आर्थिक तंगी से इन्हें दो-चार होने की स्थिति अब नहीं आई। फसल लगाने के लिए वित्तीय सहायता समहू के अंदर ही मिल गया और साथ में जैविक खाद सस्ते दर पर उपलब्ध हो गया। समहू की सदस्य को अभी तक 1 लाख 40 हजार रुपए की आमदनी हो चुकी है तथा फसल अभी भी लगा हुआ है जिसे बेचकर और आमदनी उनके द्वारा अर्जित की जाएगी। सीईओ ने आगे बताया कि संवहनीय कृषि प्रोजेक्ट के तहत 60 ग्राम चयनित किए गए हैं, जिसमें कृषक पाठशाला में जैविक खाद एवं कृषि सुधार उन्नत कृषि की शाला ज्ञानवर्धन के लिए चलाया जाता है जिसमें ग्राम के अन्य कृषक भी इस योजना से जुड़ कर लाभ ले सकते हैं।