दक्षिणापथ, रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेशवासियों को विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने अपने शुभकामना संदेश में कहा है कि पर्यावरण असंतुलन के कारण एक ओर जहां प्रदूषण बढ़ रहा है, वहीं ग्लोबल वार्मिंग, वर्षा का अनियमित होना, एसिड रेन जैसी कई समस्याएं हमारे जीवन को प्रभावित करने लगी है। जीवन के अस्तित्व बचाने के लिए हमें अभी से हमें पर्यावरण संरक्षण की ओर ध्यान देना होगा अन्यथा भविष्य की पीढि़यों के लिए खुली हवा में सांस लेना भी दुष्कर हो जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्व पर्यावरण दिवस मानव और प्रकृति के बीच सामंजस्य को और अधिक गहरा करने के लिए प्रेरित करता है। इस साल विश्व पर्यावरण दिवस की थीम पारिस्थितिकी तंत्र की पुनर्बहाली पर आधारित है। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए पूरी दुनिया में लॉकडाउन का एक सकारात्मक पक्ष सामने आया है। प्रदूषण में गिरावट दर्ज की गई और जीव-जन्तु प्रकृति का आनंद लेते दिखाई दिए। यह सुनहरा अवसर है कि हम अपने कार्याें का आत्मचिंतन और आंकलन करें और पर्यावरण अनुकूल वातावरण बनाने में सहयोग दें।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में ‘‘मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना‘‘ शुरू की जा रही है। मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत जिन किसानों ने खरीफ वर्ष 2020 में धान की फसल ली हैे, यदि वे धान फसल के बदले अपने खेतों में वृक्षारोपण करते हैं, तो उन्हें आगामी 3 वर्षों तक प्रतिवर्ष 10 हजार रूपए प्रति एकड़ की दर से प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। इसी तरह ग्राम पंचायतों के पास उपलब्ध राशि से यदि वाणिज्यिक वृक्षारोपण किया जाएगा, तो एक वर्ष बाद सफल वृक्षारोपण की दशा में संबंधित ग्राम पंचायतों को शासन की ओर से 10 हजार रूपए प्रति एकड़ की दर से प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। इससे भविष्य में पंचायतों की आय में वृद्धि हो सकेगी। इसके अलावा संयुक्त वन प्रबंधन समितियों के पास उपलब्ध राशि से यदि वाणिज्यिक आधार पर राजस्व भूमि पर वृक्षारोपण किया जाता है, तो पंचायत की तरह ही संबंधित समिति को एक वर्ष बाद 10 हजार रूपए प्रति एकड़ की दर से प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि वृक्षारोपण कार्याें को व्यवहारिक बनाने के लिए वनांचल में वनवासियों की जरूरत के मुताबिक पौध रोपण कराने का निर्णय लिया गया है, जिससे वनवासियों को वनों से नियमित रूप से आय मिलती रहे। उन्होंने कहा कि हमें अपने आसपास के वृक्षों को कटने से बचाने के साथ-साथ अधिक से अधिक वृक्षारोपण करने के लिए लोगों को जागरूक करना चाहिए। हमें अपने भावी पीढ़ी के बेहतर भविष्य के लिए पर्यावरण को बचाने का संकल्प लेना चाहिए जिससे हम प्रदूषण रहित स्वस्थ छत्तीसगढ़ और स्वस्थ भारत के निर्माण में योगदान दे सकें।
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