राजधानी में रहने वालों को अभी तक लू जैसी स्थिति का सामना नहीं करना पड़ा है। मौसम विशेषज्ञों की मानें तो संभव है कि इस साल गर्मी में लू चले ही नहीं। अगले हफ्ते के अंत में फिर बारिश होने का अनुमान है। ऐसे में भयंकर लू चलने के आसार नहीं है। अगर ऐसा हुआ तो यह पहली बार होगा कि दिल्ली में गर्मी का मौसम बिना लू चले ही निकल जाएगा। दिल्ली में आमतौर पर मई-जून में भयंकर गर्मी पड़ती है, लेकिन इस साल कुछ ऐसी स्थितियां बनी हैं कि अबतक गर्मी का प्रचंड रूप देखने को नहीं मिला है।
क्या होती है लू? पिछले सालों में कैसा रहा मौसम
मैदानी इलाकों में लू चलने की घोषणा तब होती है
- जब अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के पार चला जाए
- दिन का तापमान उस क्षेत्र के सामान्य अधिकतम तापमान से 4.5 डिग्री ज्यादा हो
- भयंकर लू तब मानी जाती है जब सामान्य तापमान से 6.5 डिग्री या उससे ज्यादा तापमान दर्ज किया जाए
पिछले तीन सालों का डेटा देखें तो हर साल लू के दिन 3 के गुणांक में बढ़े हैं।
दिल्ली में कब से कब तक चलती है लू?
दिल्ली में आमतौर पर मार्च और जून के बीच लू के दिन आते हैं। अप्रैल और मई का महीना सबसे ज्यादा गर्म साबित होता है। जून के मध्य तक गर्मी थोड़ी कम पड़ने लगती है क्योंकि प्री-मॉनसून और मॉनसून की बारिश शुरू हो जाती है।
राजधानी में इस साल क्यों नहीं पड़ी प्रचंड गर्मी?
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, दो चक्रवाती तूफानों के साथ-साथ अप्रैल से जून के बीच पश्चिमी विक्षोभों की एक पूरी श्रृंखला के चलते वैसी गर्मी देखने को नहीं मिली है। 1 मार्च और 3 जून के बीच दिल्ली में एक दिन भी लू नहीं चली।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के वैज्ञानिकों ने हिंदुस्तान टाइम्स से बातचीत में इसे ‘दुर्लभ’ करार दिया। IMD वैज्ञानिकों ने यह भी कहा कि हो सकता है कि दिल्ली में गर्मी का यह पहला ऐसा सीजन हो जिसमें एक दिन भी लू न चले।
2021 की गर्मी में ऐसी ‘ठंडी’ से वैज्ञानिक भी हैरान
IMD के वरिष्ठ वैज्ञानिक आरके जेनामणि ने कहा कि दिल्ली में ऐसे मौसम के लिए दो अनुकूल स्थितियां बनी हैं। उन्होंने कहा, “हमने ऐसी स्थितियां पहले कभी नहीं देखीं… साल के इस वक्त में भयानक गर्मी होती है और तापमान बहुत ज्यादा रहता है। कई सालों से मई के महीने में तापमान 48 डिग्री तक पहुंचता रहा है। हमें जून खत्म होने तक इंतजार करना होगा, तब पता चलेगा कि हमने इस साल सबसे ठंडी गर्मी का रेकॉर्ड तोड़ा है या नहीं।”
‘ताउते’ ने ऐसा किया कमाल, मई में दिल्ली नहीं हुई बेहाल
IMD के रीजनल वेदर फोरकास्टिंग सेंटर के प्रमुख कुलदीप श्रीवास्तव के मुताबिक, साइक्लोन ‘ताउते’ का असर यह हुआ कि मई में एक दिन में बारिश के सभी पुराने रेकॉर्ड टूट गई। 19-20 मई को 119.3 मिलीमीटर बारिश हुई। इसकी वजह से पूरे मई के तापमान में ज्यादा बढ़त देखने को नहीं मिली। 19 मई को दिन के समय पारा 23.9 डिग्री तक गिर गया था जो कि अबतक मई के महीने में सबसे कम तापमान का रेकॉर्ड है।
15 जून के बाद आ जाएगा प्री-मॉनसून सीजन
श्रीवास्तव ने कहा कि ‘ताउते’ के बाद, दिल्ली के ऊपर से गुजरे ताजा पश्चिमी विक्षोभों ने भी पारा ऊपर नहीं जाने दिया। चक्रवात ‘यास’ के चलते भी दिल्ली के आसमान पर कई दिन बादल छाए रहे। उन्होंने कहा कि 15 जून तक अधिकतर गर्म दिन रहते हैं, उसके बाद प्री-मॉनसून गतिविधियां शुरू हो जाती हैं। ऐसे में बहुत हद तक संभव है कि इस साल एक भी दिन लू न चले।
दिल्ली में कब तक आ जाएगा मॉनसून?
मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक, जून के अंत तक दिल्ली में मॉनसून पहुंच जाएगा। ऊपर के ग्रैफिक में आप पूरे देश में मॉनूसन कब-कब पहुंचेगा, यह देख सकते हैं।