कुआलालंपुर । मलेशिया की संसद दो सप्ताह तक बंद करने के खिलाफ विपक्षी सांसदों ने सोमवार को मार्च करने का प्रयास किया, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया। संसद का एक महत्वपूर्ण सत्र होना था,इस प्रधानमंत्री मुहिद्दीन यासीन ने स्थगित कर संसद दो सप्ताह के लिए बंद कर दिया। विपक्षी सांसदों ने अविश्वास प्रस्ताव से बचने के लिए इस प्रधानमंत्री की एक और चाल बताया। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि संसद को उच्च जोखिम वाला एक स्थान माना जाता है, क्योंकि कर्मचारियों और अन्य के बीच मिले कोरोना के 11 मामलों में से चार मामलों के तेजी से फैलने वाले डेल्टा संस्करण होने का संदेह है। सांसदों और कार्यकर्ताओं ने संसद को बंद करने की घोषणा के समय पर सवाल उठाया। मलेशिया के सुल्तान अब्दुल्ला ने कोरोना संबंधी आपात कदमों की स्थिति पर संसद को गुमराह करने को लेकर प्रधानमंत्री यासीन की सरकार को फटकार लगाई थी। इसके बाद विपक्ष ने तुरंत यासीन के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था।
संसद के पास इकट्ठा हुए कई सांसदों ने यासीन और उनके मंत्रिमंडल के इस्तीफे की मांग की।विपक्षी सांसदों ने सरकार पर निशाना साधकर कहा कि उन्हें अंततः लोगों का सामना करना होगा। मुहीद्दीन यासीन की सरकार मार्च 2020 में संसद में क्षीण बहुमत के साथ सत्ता में आई थी। यासीन 2018 के चुनाव में जीत हासिल करने वाली सुधारवादी सरकार के पतन की शुरूआत करने के बाद प्रधानमंत्री बने थे। यासीन ने जनवरी में आपात स्थिति की घोषणा करने के लिए शाही मंजूरी ली थी, जिससे उन्हें संसद को स्थगित करने और अध्यादेश के जरिए शासन करने की अनुमति मिल गई थी।
विपक्षी नेता अनवर इब्राहीम ने कहा, यह सरकार अपने कर्तव्यों का पालन करने में विफल रही है, लेकिन सत्ता से चिपकी हुई है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार महामारी से निपटने में विफल रही है। पूर्व प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने पूरे मंत्रिमंडल से इस्तीफे की मांग की। महातिर ने कहा, ‘‘इस तरह से लंबे समय से जारी राजनीतिक उथल-पुथल को खत्म किया जा सकता है और स्वास्थ्य, आर्थिक एवं सामाजिक संकटों को दूर करने के प्रयासों पर पूरा ध्यान दिया जा सकता है।’’ संसद की तरफ जाने वाली सड़क को दंगा पुलिस ने बंद कर दिया था और पुलिस ने सांसदों को शांतिपूर्ण ढंग से तितर-बितर कर दिया।
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