नई दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा पर सदन को संबोधित कर रहे हैं। उन्होंने कहा राज्य सभा में करीब 13-14 घंटे तक 50 से अधिक माननीय सदस्यों ने अपने बहुमूल्य विचार रखे। इसलिए मैं सभी आदरणीय सदस्यों का हृदय पूर्वक आभार व्यक्त करता हूं। आपको बता दें कि संसद में पारित तीनों कृषि कानूनों को लेकर दिल्ली से सटी विभिन्न राज्यों की सीमाओं पर किसान आंदोलनरत हैं।
कुछ लोग हैं जो भारत को अस्थिर-अशांत देखना चाहते हैं। हमें नहीं भूलना चाहिए कि पंजाब के साथ क्या हुआ। आजादी मिली तो सबसे ज्यादा पंजाब को नुकसान हुआ। इसके पीछे कौन ताकतें हैं, हर सरकार ने इसको जाना है, परखा है और जांचा है। कुछ लोग हमारे सिख भाइयों के दिमाग में गलत चीजें भरने में लगे हैं। ये देश हर सिख भाई पर गर्व करता है। देश के लिए क्या कुछ नहीं किया उन्होंने।
दूध उत्पादन किन्हीं बंधनों में बंधा हुआ नहीं है। दूध के क्षेत्र में या तो प्राइवेट या को-ऑपरेटिव दोनों मिलकर कार्य कर रहे हैं। पशुपालकों जैसी आजादी, अनाज और दाल पैदा करने वाले छोटे और सीमांत किसानों को क्यों नहीं मिलनी चाहिए: PM
संसद में पीएम मोदी बोले- आंदोलनकारियों से सरकार की बात चल रही है। कोई तनाव पैदा नहीं हुआ है। आंदोलनकारियों को समझाते हुए हमें देश को आगे ले जाना होगा। एमएसपी है, एमएसपी था और एमएसपी रहेगा…मेहरबानी कर के भ्रम न फैलाएं।
पीएम मोदी ने कृषि कानून पर विपक्ष के विरोध को लेकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कई राजनीतिज्ञ यू-टर्न मार रहे हैं। सियासत हावी तो अपने विचार छूट जाते हैं। मनमोहन सिंह ने एक बाजार की बात की थी।
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