ब्लड टेस्ट यानी खून की जांच द्वारा आपके शरीर की अंदरूनी सेहत के बारे में आसानी से पता लगाया जा सकता है। शरीर के ज्यादातर अंगों के फंक्शन को जांचने के लिए ब्लड और यूरिन का टेस्ट करना पर्याप्त होता है। इसका कारण यह है कि ब्लड यानी खून हमारे पूरे शरीर में प्रवाहित होता है और किसी भी अंग में गड़बड़ी होने पर खून में भी इसका असर पड़ता है। अगर आप अपनी अंदरूनी सेहत के बारे में जानना चाहते हैं, तो साल में कम से कम एक बार ये 5 ब्लड टेस्ट जरूर करवाएं। इन टेस्ट्स के द्वारा बीमारियों का सही समय पर पता लग जाने पर इलाज और रोकथाम बहुत आसान हो जाती है और आपको अपनी सेहत का भी अंदाजा हो जाता है।
थायरॉइड पैनल
थायरॉइड हमारे शरीर में महत्वपूर्ण हार्मोन्स के स्राव में मदद करता है। आपको हर साल थायरॉइड टेस्ट जरूर करवाना चाहिए। अगर आपको थायरॉइड से जुड़ी बीमारी नहीं भी है, तो भी इस टेस्ट से आपको अपनी सेहत के बारे में जरूरी बातें पता लगेंगी। आमतौर पर थायरॉइड टेस्ट में 3 चीजों की जांच शामिल होती हैं- टी3, टी4 और टीएचएस। भारतीय लोगों में थायरॉइड तेजी से बढ़ रहा है। थॉयराइड एक साइलेंट किलर है और ये बीमारी महिला और पुरुष दोनों को हो सकती है। इसलिए थायरॉइड टेस्ट जरूरी है।
लिपिड प्रोफाइल
लिपिड प्रोफाइल के द्वारा आप अपने शरीर में कोलेस्ट्रॉल की जांच करवा सकते हैं। आमतौर पर लिपिड प्रोफाइल में 4 तरह के टेस्ट शामिल होते हैं- टोटल कोलेस्ट्रल (टीसी), हाई डेंसिटी लिपोप्रोटीन (एचडीएल या गुड कोलेस्ट्रॉल), लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन (एलडीएल या बैड कोलेस्ट्रॉल) और ट्राईग्लिसराइड्स (टीजी)। इन सभी जांचों के द्वारा दिल के स्वास्थ्य के बारे में जाना जा सकता है। इस टेस्ट में एडीएल के साइज और उनके पार्टिकल्स के बारे में पता लगाया जाता है। एचडीएल को हाई डेंसिटी लीपोप्रोटीन कहते हैं। इसकी कमी से दिल की बीमारी होने का खतरा रहता है।
हीमोग्लोबिन एआईसी टेस्ट
एआईसी द्वारा आपके शरीर में ग्लूकोज के पिछले 3 महीने के स्तर का पता लगाया जा सकता है। अगर आप इस टेस्ट को हर साल करवाते हैं, तो आप डायबिटीज जैसी गंभीर बीमारी से बच सकते हैं। डायबिटीज के मरीज भारत ही नहीं, दुनियाभर में बहुत तेजी से बढ़ रहे हैं। ऐसे में ये ब्लड टेस्ट बहुत जरूरी है।
किडनी फंक्शन टेस्ट
किडनी फंक्शन टेस्ट इसलिए किया जाता है, ताकि ये पता लगाया सके कि आपकी किडनियां सही काम कर रही हैं या नहीं। किडनी फंक्शन टेस्ट में 2 प्रकार के टेस्ट किए जाते हैं, जिन्हें एसीआर (एल्बुमिन टू क्रिएटिनिन रेशियो) और जीएफआर (ग्लोमेरुलर फिल्ट्रेशन रेट) कहते हैं। एसीआर टेस्ट में आपके यूरिन की जांच की जाती है जबकि जीएफआर टेस्ट में आपके खून में क्रिएटिनिन नाम के तत्व की जांच की जाती है। जीएफआर टेस्ट में मिले क्रिएटिनिन की मात्रा के आधार पर ही ये पता लगाया जाता है कि आपकी किडनियां कितनी ठीक तरह काम कर रही हैं।
सीबीसी टेस्ट (कंप्लीट ब्लड काउंट)
कंप्लीट ब्लड काउंट आपके कई अंगों के स्वास्थ्य के बारे में बताता है इसलिए ये एक जरूरी जांच है। कंप्लीट ब्लड काउंट टेस्ट द्वारा आपको लिवर, हार्ट और किडनी के बारे में पता चलता है। इस जांच में व्यक्ति के खून में मौजूद सेल्स की जांच की जाती है। अगर किसी व्यक्ति के खून में रक्त कण कम या अधिक हैं तो उसे स्वास्थ्य संबंधित समस्या हो सकती है।
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