असम में PM मोदी का भूमि पट्टा वितरण अभियान, बोले- जीवन की बड़ी चिंता अब दूर

by sadmin

असम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज शिवसागर जिले स्थित जेरेंगा पठार में रहने वाले भूमिहीन मूल निवासियों के लिए 1.6 लाख भूमि पट्टा वितरण अभियान की शुरुआत की और अपने संबोधन में ये बातें कही…
असम, भारत। असम में अप्रैल-मई में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में चुनावी प्रचार के लिए भाजपा की एंट्री हो गई है। इसी क्रम में आज शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद राज्य के दौरे पर पहुंचे है। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने शिवसागर जिले स्थित जेरेंगा पठार में रहने वाले भूमिहीन मूल निवासियों के लिए 1.6 लाख भूमि पट्टा वितरण अभियान की शुरुआत की। साथ ही उन्होंने 10 लाभार्थियों को आवंटन प्रमाण पत्र भेंट किया।

भूमि आवंटन वितरण समारोह में PM मोदी का संबोधन :

असम के शिवसागर में भूमि आवंटन वितरण समारोह में प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा- असम के लोगों का ये आशीर्वाद, आपकी ये आत्मीयता मेरे लिए बहुत बड़ा सौभाग्य है। आपका ये प्रेम और स्नेह मुझे बार बार असम ले आता है। आज असम की सरकार ने आपके जीवन की बड़ी चिंता दूर की है। 1 लाख से ज्यादा मूल निवासी परिवारों को भूमि के स्वामित्व का अधिकार मिलने से आपके जीवन की बड़ी चिंता अब दूर हो गई है।

पराक्रम दिवस पर पूरे देश मे अनेक कार्यक्रम :

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बताया कि, ”आज पराक्रम दिवस पर पूरे देश मे अनेक कार्यक्रम भी शुरू हो रहे हैं, इसलिए एक तरह से आज का दिन उम्मीदों के पूरा होने के साथ ही हमारे राष्ट्रीय संकल्पो की सिद्धि के लिए प्रेरणा लेने का भी अवसर है। असम में जब हमारी सरकार बनी तो उस समय भी यहां करीब-करीब 6 लाख मूल निवासी परिवार जिनके पास ज़मीन के कानूनी कागज़ नहीं थे। लेकिन सर्वानंद सोनोवाल जी के नेतृत्व में यहां की सरकार ने आपकी इस चिंता को दूर करने के लिए गंभीरता के साथ काम किया।”

आत्मविश्वास तभी बढ़ता है जब घर-परिवार में भी सुविधाएं मिलती हैं और बाहर का इंफ्रास्ट्रक्चर भी सुधरता है। बीते सालों में इन दोनों मोर्चों पर असम में अभूतपूर्व काम किया गया है -प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

असम में PM मोदी द्वारा कही गई बातें-

साल 2019 में, सरकार द्वारा बनाई गई नई भूमि नीति अपने सही मालिकों को भूमि देने के प्रति समर्पित है। पिछले कुछ वर्षों में 2.25 लाख से अधिक मूल परिवारों को जमीन का पट्टा दिया गया है।

असम की लगभग 70 जनजातियों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान की गई है। हम उन्हें तेजी से विकास की ओर भी ले जा रहे हैं. साल 2014 से अटल जी की सरकार से लेकर असम की संस्कृति और सुरक्षा को बनाए रखना हमारी प्राथमिकता रही है।

असम और पूर्वोत्तर भारत का तेजी से विकास, आत्मान निर्भार भारत का अभिन्न अंग है। असम के लोगों के विश्वास के माध्यम से आटमा निर्भय असम की सड़क है।

आज असम की लगभग 40% आबादी आयुष्मान भारत से लाभान्वित हुई है। 1.5 लाख लोगों को पहले ही मुफ्त इलाज मिल चुका है। 35 लाख महिलाओं के पास उज्ज्वला गैस कनेक्शन है, जिसमें 4 लाख परिवार SC / ST समूहों से संबंधित हैं।

5 साल पहले तक असम के 50 प्रतिशत से भी कम घरों तक बिजली पहुंची थी, जो अब करीब 100% तक पहुंच चुकी है। जल जीवन मिशन के तहत बीते 1.5 साल में असम में 2.5 लाख से ज्यादा घरों में पानी का कनेक्शन दिया गया है।

ऐतिहासिक बोडो समझौते से अब असम का एक बहुत बड़ा हिस्सा शांति और विकास के मार्ग पर लौट आया है। समझौते के बाद हाल में बोडोलैंड टेरिटोरियल काउंसिल के पहले चुनाव हुए, प्रतिनिधि चुने गए। अब बोडो टेरिटोरियल काउंसिल विकास और विश्वास के नए प्रतिमान स्थापित करेगी।

असम में तेल और गैस से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर पर बीते वर्षों में 40 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश किया गया है। गुवाहटी-बरौनी गैस पाइप लाइन से नॉर्थ ईस्ट और पूर्वी भारत की गैस कनेक्टिविटी मजबूत होने वाली है।

कोरोना टीकाकरण के लिए जिसकी बारी आए, वो टीके जरूर लगाएं। टीके की 2 डोज लगनी जरूरी है। पूरी दुनिया में भारत में बने टीके की डिमांड हो रही है। भारत में भी लाखों लोग अब तक टीका लगा चुके हैं। हमें टीका भी लगाना है और सावधानी भी रखनी है।

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