नई दिल्ली । नए कृषि कानूनों पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त समिति के यहां पूसा परिसर में 19 जनवरी को अपनी पहली बैठक करने का कार्यक्रम है। समिति के सदस्यों में शामिल अनिल घनवट ने रविवार को यह जानकारी दी। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के क्रियान्वयन पर 11 जनवरी को अगले आदेश तक के लिए रोक लगा दी थी। साथ ही, न्यायालय ने गतिरोध का हल निकालने के लिए चार सदस्यीय एक समिति भी नियुक्त की थी। हालांकि, भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष भूपिंदर सिंह मान पिछले हफ्ते समिति से अलग हो गए थे। नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान दिल्ली की सीमाओं पर पिछले करीब 50 दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं। घनवट के अलावा, कृषि-अर्थशास्त्री अशोक गुलाटी और प्रमोद कुमार जोशी समिति के दो अन्य सदस्य हैं। शेतकारी संगठन (महाराष्ट्र) के प्रमुख घनवट ने कहा, ”हम लोग पूसा परिसर में 19 जनवरी को बैठक कर रहे हैं। भविष्य की रणनीति पर फैसला करने के लिए सिर्फ सदस्य ही बैठक में शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि समिति के चार सदस्यों में एक ने समिति छोड़ दी है। यदि शीर्ष न्यायालय ने कोई नया सदस्य नियुक्त नहीं करता है तो मौजूदा सदस्य सौंपा गया कार्य जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि समिति को उसके कार्य क्षेत्र का विवरण प्राप्त हुआ है और 21 जनवरी से काम शुरू होगा। शीर्ष न्यायालय द्वारा समिति गठित किए जाने के बाद सरकार द्वारा प्रदर्शनकारी किसान संगठनों के साथ समानांतर वार्ता करने के बारे में पूछे जाने पर उन्होने कहा, हमारी समिति के जरिए या फिर प्रदर्शनकारी किसान संगठनों के साथ सरकार की अलग वार्ताओं से (दोनों में से किसी की भी कोशिश से) यदि समाधान निकल जाता है और प्रदर्शन खत्म हो जाता है, तो हमें कोई दिक्कत नहीं है। उन्होंने कहा, सरकार को चर्चा जारी रखने दीजिए, हमें एक कार्य सौंपा गया है और हम उस पर पूरा ध्यान देंगे। विवादास्पद कृषि कानूनों से जुड़ी याचिकाओं और दिल्ली की सीमाओं पर किसानों के प्रदर्शनों से जुड़े विषय पर शीर्ष न्यायालय में सोमवार को सुनवाई होगी। न्यायालय समिति से एक सदस्य के बाहर होने जाने के विषय पर गौर कर सकता है। शीर्ष न्यायालय केंद्र सरकार की याचिका पर भी सुनवाई करेगी, जो दिल्ली पुलिस के मार्फत दायर की गई है। इसके तहत 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस समारोह में व्यवधान डालने के उद्देश्य से किसानों की प्रस्तावित ट्रैक्टर रैली या इसी तरह के अन्य प्रदर्शन को रोकने के लिए निर्देश जारी करने का अनुरोध किया गया है। सरकार और प्रदर्शनकारी 41 किसान संगठनों के साथ अब तक नौ दौर की वार्ता हुई है लेकिन गतिरोध दूर नहीं हो सका है। अगली बैठक 19 जनवरी को होनी है।
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