वाशिंगटन । कोरोना के खिलाफ जारी संघर्ष में भारत में किए गए काम की पूरी दुनिया में तारीफ हो रही है। आईएमएफ प्रमुख क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने कोरोना के खिलाफ जंग और इससे पैदा आर्थिक परिणामों से निपटने के लिए बहुत निर्णायक कदम उठाने के लिए भारत की प्रशंसा की। आईएमएफ प्रमुख ने कहा कि वैश्विक मीडिया राउंडटेबल के दौरान आगामी वर्ल्ड इकोनॉमिक अपडेट में भारत के लिए कम खराब दृष्टिकोण की भविष्यवाणी की है, जो उसके द्वारा उठाए गए कदमों के कारण है। क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष 26 जनवरी को अपना विश्व आर्थिक अद्यतन जारी करने वाला है।
आईएमएफ प्रमुख ने कहा है कि कोरोना से निपटने और फिर आर्थिक परिणामों से निपटने के लिए भारत ने जो कदम उठाए हैं, वो काफी सराहनीय हैं और दुनिया के लिए एक मिसाल भी है। जॉर्जीवा ने कहा कि भारत अब धीरे-धीरे लकडाउन से बाहर आ रहा है और इसके साथ ही उसकी अर्थव्यवस्था भी पटरी पर लौट रही है। अगर भारत की आबादी की बात करें तो पहले काफी चर्चा हो रही थी कि कोरोना और लॉकडाउन से उसे भारी नुकसान हो सकता है, लेकिन उसने खुद को संभाल लिया। भारत की मोदी सरकार ने समय रहते कई अहम कदम उठाए जिससे वहां कोरोना का ज्यादा प्रकोप देखने को नहीं मिला।
आईएमएफ प्रमुख ने कहा कि भले ही भारत अर्थव्यवस्था पर उभर रहा हो लेकिन भारत के सुधारों में से एक पहलू जो अभी भी पिछड़ रहा है, वह लैंगिक समानता पर है। जॉर्जीवा ने कहा कि मेरा कहना सिर्फ इतना है कि हम लैंगिक समानता पर कितनी तेजी से हार रहे हैं। महिलाएं फ्रंट लाइन कार्यकर्त्ता हैं, वे अक्सर अनौपचारिक अर्थव्यवस्था में हैं, मदद आसानी से उन तक नहीं पहुंच सकती है, जिसमें सुधार लाना जरूरी है। उल्लेखनीय है कि आईएमएफ ने अक्टूबर में अपने दृष्टिकोण में भारत को 2020 में बड़े पैमाने पर 10.3 प्रतिशत के अनुबंध का अनुमान लगाया था। हालांकि, भारत के 2021 में 8.8 प्रतिशत की वृद्धि दर के साथ वापस उछाल की संभावना है, उन्होंने कहा था।
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