आईजी के आदेश के बाद 3 वर्ष पुराने प्रकरण में दर्ज हुआ धोखाधड़ी का मामला

by sadmin

बिलासपुर- आईजी रतन लाल डांगी के पदभार ग्रहण करने के बाद नोकरी लगाने के नाम पर धोखाधड़ी की बिलासपुर रेंज में पहली एफआईआर कोरबा जिले के बालकों थाने में दर्ज हुई हैं वह भी तीन साल पुराने मामले में सरकारी अमले की महिला अधिकारी के खिलाफ।
गौरतलब हैं कि आईजी रतनलाल डांगी ने पदभार ग्रहण करने के बाद अपने फेसबुक पोस्ट पर अपना सरकारी नम्बर जारी कर जनता से अपील की थी कि नोकरी के नाम से यदि किसी ने ठगी की हैं तो उसकी शिकायत सम्बंधित थाने में करे और यदि फिर भी एफआईआर नही हो पा रही हो तो मुझे मैसेज करें, इसके अलावा आईजी ने रेंज के अफसरों को भी इस सम्बंध में मिली शिकायतों पर तुरन्त कार्यवाही के निर्देश दिए थे।इसी का असर हैं कि प्रार्थी ने 3 साल पहले अपने साथ हुई धोखाधड़ी की शिकायत अब जा कर थाने में कि हैं।आईजी के सख्त निर्देशो की वजह से शिकायत मिलते ही एफआईआर भी दर्ज कर ली गईं हैं।
नम्बर जारी करने के अलावा कोरबा में पुलिस अधिकारीयो के बैठक लेने के दौरान जिले में नोकरी लगाने के नाम से धोखा धड़ी करने वालो के खिलाफ सख्त कार्यवाही का फरमान पुलिस अफसरों को जारी किया था जिसके बाद बालको पुलिस ने नोकरी लगाने के नाम पर ठगी करने पर महिला बाल विकास विभाग के महिला अधिकारी समेत दो लोगो पर 420,34 का अपराध दर्ज किया हैं। ठगी करने वालो ने पीड़िता से दो विभागों नोकरी के नाम से 4 लाख रुपये उगाही की थी।
आईजी रतन लाल डांगी ने अपने कोरबा प्रवास के दौरान पुलिस विभाग के अधिकारियों को साफ निर्देशित किया था कि यदि नोकरी लगाने के नाम पर किसी व्यक्ति ने पैसे की ठगी की हैं तो उसके खिलाफ शिकायत सामने आते ही तत्काल मामला दर्ज करने के निर्देश पुलिस अधिकारियों को दिए थे,बालको थाना प्रभारी ने आईजी के निर्देश पर शिकायत सामने आते ही महिला बाल विकास के अधिकारी सहित दो लोगो के खिलाफ मामला दर्ज किया हैं।
भदरा पारा निवासी दिग्विजय कुमार रात्रे ने बालको थाने में लिखित शिकायत दर्ज करवाई की 3 वर्ष पूर्व उसकी पत्नी निर्मला रात्रे के मोबाइल पर श्रीमती मेवा चोपड़ा सुपरवाइजर महिला एवं बाल विकास विभाग बलौदाबाजार का फोन आया था जो निर्मला रात्रे के शादी के पूर्व जान पहचान हुई थी शादी पश्चात 2015 से निर्मला और मेवा चोपड़ा की किसी प्रकार की बात चित नही हुई थी।सितम्बर 2017 में निर्मला रात्रे के मोबाईल पर मेवा चोपड़ा का फोन आया और आंगनबाड़ी में सुपरवाइजर के पद पर सीधी भर्ती होने का झांसा दिया और इस हेतु 3 लाख रुपये की मांग की। निर्मला रात्रे ने इसकी जानकारी अपने पति दिग्विजय रात्रे को दी और सलाह मांगी तब दिग्विजय रात्रे ने फोन से मेवा चोपड़ा से बात कर नोकरी की जानकारी ली।नोकरी लगने का पूरा विश्वास मेवा चोपड़ा के द्वारा दिलाने पर 3 लाख देने को राजी हो गए थे।उसके कुछ दिनों बाद मेवा चोपड़ा का दुबारा काल आया और राजस्व विभाग कोरबा में भी कम्प्यूटर आपरेटर की नोकरी खाली होने और 2 लाख में वहां नोकरी दिलवा देने का झांसा दिया जिस पर दोनों पद की भर्ती 5 लाख रुपये में करवाना तय हुआ।
बैंक खाते में ली रकम:-
सौदे के अनुसार 4 लाख रुपये नोकरी लगने के पहले व 1 लाख बाद में देना तय हुआ।4 लाख रुपये मेवा चोपड़ा के द्वारा दिये गए व्यक्ति क्रांति कुमार परास्ते के खाता क्रमांक 20410520923 स्टेट बैंक ऑफ इंडिया शाखा गांडासरई जिला डिंडौरी मध्यप्रदेश में जमा किया गया था।

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