कोलकाता। देश के विभिन्न राज्यों में पुलिसबलों की कमी के बावजूद वीआईपी ड्यूटी में स्वीकृत संख्या से ज्यादा पुलिसकर्मी सुरक्षा के लिए तैनात हैं। हालांकि, सुरक्षा ड्यूटी को तर्कसंगत बनाने के प्रयास कई राज्यों में किए गए हैं। केंद्रीय स्तर पर भी कोशिश की गई है। लेकिन खतरों के आधार पर दी जाने वाली सुरक्षा का बोझ कम नही हुआ है। ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट बीपीआरडी ने एक जनवरी 2020 तक की स्थिति के आधार पर जारी रिपोर्ट में वीआईपी ड्यूटी की स्थिति को स्पष्ट किया है। बिहार में वर्ष 2019 में 2347 वीआईपी की सुरक्षा के लिए 5611 पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया। हालांकि, यहां एक वर्ष पूर्व ज्यादा संख्या में सुरक्षा जरूरत के मद्देनजर 2019 में भी स्वीकृत संख्या ज्यादा रखी गई थी। पश्चिम बंगाल में सबसे ज्यादा 3142 वीआईपी के लिए 6247 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया। यह स्वीकृत संख्या 1347 की तुलना में काफी ज्यादा है। पंजाब में 2594 वीआईपी के लिए 7714 पुलिसकर्मी तैनात किए गए। हरियाणा में 1355 वीआईपी के लिए 3074 और झारखंड में 1351 वीआईपी के लिए 1891 पुलिसकर्मियों को लगाया गया। उत्तर प्रदेश में 144 वीआईपी के लिए 2233 पुलिसकर्मी लगे हैं। दिल्ली में 501 वीआईपी के लिए 8182 पुलिसकर्मी हैं। जबकि इस काम के लिए स्वीकृत संख्या 7294 है। दिल्ली देश की राजधानी है। यहां देश के महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों और विशिष्टजनों की मौजूदगी से सुरक्षा तैनाती ज्यादा रहती है। कुल 66043 पुलिसकर्मी वर्ष 2019 में वीआईपी सुरक्षा ड्यूटी में लगाए गए। जबकि सुरक्षा ड्यूटी के लिए स्वीकृत संख्या 43566 है। वर्ष 2018 में 63061 पुलिसकर्मी वीआईपी सुरक्षा ड्यूटी में थे जबकि स्वीकृत संख्या 40031 थी। पश्चिम बंगाल में सबसे ज्यादा लोगों को मिली है पुलिस की सुरक्षा कई राज्यों में पुलिस बलों की संख्या बढ़ाने और रिक्त पदों को भरने की कवायद के साथ वीआईपी ड्यूटी का बोझ कम करने की मांग सुरक्षा बलों की तरफ से भी होती रही है। 2019 में पुलिस सुरक्षा पाने वाले व्यक्तियों में सबसे अधिक पश्चिम बंगाल में 3,142 थे, इसके बाद पंजाब 2,594, बिहार 2,347, हरियाणा 1,355 और झारखंड 1,351 हैं।
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