गरियाबंद में नए साल के जश्न से पहले चीतल का किया शिकार, 8 गिरफ्तार

by sadmin

शिकंजे में शिकारी,

मैनपुर के बेहराडीह बाजाघाटी के जंगल में 27 दिसंबर को मिला था चीतल का शव
जंगली मांस की डिमांड पूरी करने को किया था शिकार, तीर-कमान, कुल्हाड़ी जब्त
छत्तीसगढ़ के गरियाबंद में वन्य जीवों के शिकारी अब वन विभाग के शिकंजे में हैं। विभाग की टीम ने 8 शिकारियों को धर दबोचा। इनके पास से तीर-कमान और कुल्हाड़ी बरामद हुई है। आरोपियों ने नए साल में जंगली मांस की डिमांड पूरी करने के लिए मैनपुर वन प्रभाग के जंगल में 5 दिन पहले चीतल का शिकार किया था।

जानकारी के मुताबिक, मैनपुर वन विभाग को बेहराडीह के ग्रामीणों ने 26 दिसंबर को कक्ष क्रमांक 1076 में बेहराडीह बाजाघाटी के जंगल चीतल के मारे जाने की सूचना दी थी। इस पर वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची तो वहां से एक तीर और कमान भी बरामद हुआ। जिसके चलते चीतल का शिकार किए जाने की आशंका हुई।

संदिग्ध से पूछताछ में खुला मामला, खून से सना तीर भी मिला
इसके बाद जांच के दौरान संदेह के आधार पर रामसिंह को हिरासत में लिया। पूछताछ में उसने चीतल का शिकार किया जाना स्वीकार कर लिया। साथ ही उसके कब्जे से 3 तीर-कमान,4 कुल्हाड़ी और खून से सना हुआ एक तीर भी बरामद किया गया। पूछताछ में उसने अपने साथ 7 अन्य साथियों के भी शामिल होने की जानकारी दी।

सभी आरोपियों को कोर्ट में पेश कर जेल भेजा गया
इसके बाद टीम ने सभी को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया। जहां से सभी को जेल भेज दिया गया है। कार्रवाई में मैनपुर के परिक्षेत्र अधिकारी अनिल साहू, इंदगांव के योगेश रात्रे, कैलाश चंद्र भोई, देवदत्त तिवारी, जुगलाल नायक और उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व के एंटी पोचिंग दस्ता के लोचन निर्मलकर, राकेश मारकंडेय, हरीश राजपूत शामिल थे।

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