मुंबई (एजेंसी)। प्रॉपर्टी के लिए एक भाई ने अपनी दो बहनों को मौत के घाट उतार दिया। पहले तो आरोपी ने ऐसी कहानी गढ़ दी कि पुलिस भी कन्फ्यूज हो गई। हालांकि आरोपी खुद को बचा नहीं पाया। आरोपी भाई ने ‘दृश्यम’ फिल्म की तरह बार-बार एक ही झूठ बोलकर और माइंड वॉश करके झूठ को सच बनाने की पूरी कोशिश की थी। पहले तो पुलिस को भी उसकी बातों पर यकीन होने लगा था लेकिन बाद में कुछ सुराग ऐसे छूट गए जिनकी वजह से हत्या का खुलासा हो गया।
दरअसल आरोपी गणेश मोहिते ने अपनी बहन स्नेहा (30 वर्ष) और सोनाली (34 वर्ष) को मारने का प्लान कई महीने पहले ही बना लिया था। आरोपी ने इन्वेस्टिगेशन आॅफिसर और अपनी मां तक को विश्वास में ले लिया था। आरोपी मोहिते पालघर में वन विभाग में क्लर्क था। उसकी दोनों बहनें शादी नहीं करना चाहती थीं। ऐसे में उसे पिता की प्रॉपर्टी बंटने का डर बना हुआ था। उसके पिता वन विभाग में अधिकारी थे और 2009 में उनका निधन हो गया था। इसके बाद बात आई की पिता की नौकरी कौन लेगा। 2019 में मोहिते अपने परिवार को इस बात पर राजी करने में सफल हो गया कि वह दोनों बहनों और मां की देखभाल करेगा और नौकरी वही करेगा। परिवार भी राजी हो गया तो 2021 में उसे नौकरी मिल गई।
मोहिते ने अपने रिश्तेदारों की मदद से पिता की संपत्ति और पेंशन भी खुद के नाम करवा ली। वे रिश्तेदार रायगढ़ में रहते थे जहां मोहिते का पैतृक घर था। जब बहनों को इस बात का पता चला तो मोहिते के रिश्तेदारों और बहनों में झगड़ा हो गया। यहां तक की दोनों बहनों ने रिश्तेदारों पर हत्या की कोशिश का मुकदमा भी दर्ज करवा दिया। तभी मोहिते के दिमाग में दोनों की हत्या करने और रिश्तेदारों को फंसाने का विचार आ गया।
गरबा के दौरान हत्या की साजिश
15 अक्टूबर को मोहिते अपने परिवार को नवरात्रि के कार्यक्रम में शामिल करने के लिए अपने पैतृक गांव रेवडांडा गया। लोकल क्राइम ब्रांच के एक अधिकारी ने बताया कि मोहिते को पता था कि अगर वह पालघर में ही बहनों की हत्या करता है तो सीधा शक उसी पर जाएगा। रिश्तेदारों और उसकी बहनों के बीच पहले भी झगड़ा हो चुका था। इसलिए वह उनको लेकर वहीं गया। मोहिते अपने बहनों के लिए सूप लेकर आया। उसने सूप में चूहामार दवाई मिला दी थी। जब बहनें सूप पीने लगीं तो उसने मां क बाहर पानी लाने भेज दिया। बरामदे के बाहर कंटेनर में पानी रखा हुआ था। इसके बाद वह खुद गरबा खेलने चला गया। इससे पहले वह कभी गरबा डांस नहीं किया करता था। इसके बाद मोहित के बाद सोनाली का फोन आया और उसने बताया कि उसे कुछ गड़बड़ लग रहा है और उसकी तबीयत बिगड़ रही है। इसके बाद भी मोहित जानबूझकर देरी से घर पहुंचा और उसे लेकर अलीबाग सिविल अस्पताल गया। 17 अक्टूबर को सोनाली की मौत हो गई।
कैसे खुला हत्या का राज
इसके बाद स्नेहा की भी तबीयत बिगड़ने लगी। उसे एमजीएम अस्पताल में शिफ्ट किया गया। 20 अक्टूबर को उसकी भी मौत हो गई। इस दौरान मोहिते ने स्नेहा और अपनी मां का ब्रेनवॉश कर दिया और उन्हें भी यकीन दिलवा दिया कि यह हत्या की साजिश उनके रिश्तेदारों ने की है और पानी में उन्होंने जहर मिला दिया था। इसके बाद दोनों ने अपने रिश्तेदारों के खिलाफ बयान भी दे दिया। 21 अक्टूब को यह मामला लोकल क्राइम ब्रांच को सौंपा गया। पुलिस ने बताया, रिश्तेदारों से पूछताछ के दौरान पहाया गया कि वहां सीसीटीवी कैमरा भी लगा था। यह नहीं देखा गया कि पानी में किसी ने कुछ भी मिलाया हो। इसके अलावा पानी तो उसकी मां ने भी पिया था लेकिन उसे कुछ नहीं हुआ था। पुलिस को इसी से गड़बड़झाले का शक हो गया। फिर यह भी पता चला कि दोनों बहनों की अपने भाई से लड़ाई भी होती थी।