दुर्ग। निर्वाचन कार्यक्रम की घोषणा के साथ ही जिले में आदर्श आचरण संहिता प्रभावशील हो गई है। जिला कलेक्टर श्री पुष्पेन्द्र कुमार मीणा ने सभी राजनीतिक दलों और शासकीय अधिकारियों को चुनाव आयोग द्वारा जारी आचरण संहिता का पालन सुनिश्चित करने कहा है। कलेक्टर ने शांतिपूर्ण और निष्पक्ष चुनाव संपन्न कराने के लिए जिले में दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा-144 लागू कर दी है। चुनाव संपन्न होते तक यह धारा जिले में प्रभावशील रहेगी। शस्त्र धारियों को अपना अस्त्र-शस्त्र संबंधित थाने में जमा कराने कहा गया है।
दुर्ग जिले के अंदर कोई भी व्यक्ति किसी भी प्रकार का घातक अस्त्र-शस्त्र यथा बन्दूक, रायफल, भाला, बरछा, लॉठी एवं अन्य प्रकार के घातक हथियार तथा विस्फोटक सामग्री लेकर किसी भी सार्वजनिक स्थान, आम सड़क, रास्ता, सार्वजनिक सभाओं, रैली, जूलूस एवं अन्य स्थानों पर नहीं चलेगा। कोई भी राजनीतिक या अभ्यर्थी शस्त्र जुलूस नहीं निकालेगा और न ही आपत्तिजनक पोस्टर वितरित करेगा। जिले के अंदर कोई भी व्यक्ति या व्यक्तियों का समूह बिना सक्षम प्राधिकारी की अनुमति के न तो कोई सभा करेगा। न ही कोई रैली या जुलूस निकाल सकेगा और न ही कोई धरना देगा। यह आदेश शासकीय अधिकारियों-कर्मचारियों पर लागू नहीं होगा, जिन्हें अपने कार्य संपादन के लिए लॉठी या शस्त्र रखना आवश्यक है। यह आदेश उन शासकीय कर्मचारियों पर भी लागू नहीं होगा, जिन्हें चुनाव मतदान के दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस अधिकारी नियुक्त किया गया है। यह आदेश उन व्यक्तियों पर भी लागू नहीं होगा, जिन्हें शारीरिक दुर्बलता, वृद्धावस्था, लंगड़ापन होने के कारण सहारे के रूप में लॉठी रखना आवश्यक होता है। यह आदेश का उल्लंघन करने वाला व्यक्ति/दल, भारतीय दण्ड विधान की धारा-188 के अंतर्गत दण्डनीय होगा। प्रकरण के तथ्यों एवं परिस्थतियों को देखते हुए इस आदेश के संबंध में संबंधितों को सूचना पत्र जारी कर सुनवाई सम्यक रूप से संभव नहीं है। अतः यह आदेश एक पक्षीय पारित किया गया है। यह आदेश तत्काल प्रभावशील हो गया है। निर्वाचन कार्य संपन्न होने तक दुर्ग जिले में प्रभावशील रहेगा।
राजनैतिक दलों के प्रतिनिधि नहीं कर सकेंगे सार्वजनिक उपक्रम का उपयोग
भारत निर्वाचन आयोग नई दिल्ली द्वारा विधानसभा निर्वाचन-2023 के लिए कार्यक्रम जारी किए जाने के साथ ही आदर्श आचार संहिता प्रभावशील हो चुकी है। निर्वाचन घोषणा होने की तिथि 9 अक्टूबर 2023 से निर्वाचन समाप्ति की तिथि के मध्य कोई भी राजनैतिक दल के व्यक्ति, मंत्रीगण, सार्वजनिक उपक्रमांे के पदाधिकारी आदि शासकीय अथवा अर्धशासकीय विश्राम भवनों, सर्किट हाउस, गेस्ट हाउस आदि में चुनाव प्रचार-प्रसार अथवा राजनैतिक उद्देश्य से नहीं ठहर सकेंगे। न ही वहां पर राजनैतिक गतिविधियां कर सकेंगे। पात्रता अनुसार उपलब्ध होने पर उन्हें इन विश्राम भवनों, सर्किट हाउस, गेस्ट हाउस आदि में कक्ष उपलब्ध कराया जा सकेगा, किन्तु भोजन इत्यादि की व्यवस्था नहीं की जाएगी। इसके अतिरिक्त पात्रता अनुसार ठहरने वाले व्यक्ति से निर्धारित राशि जमा कराकर विधिवत् रसीद दी जाएगी।
टेलीफोन हेतु अलग से रजिस्टर रखा जाएगा। किए गए काल का निर्धारित राशि तत्काल प्राप्त की जाएगी। किसी प्रकार की राजनैतिक बैठक अथवा विचार, नाम, पता, ठहरने का प्रयोजन ली गई राशि इत्यादि का समस्त ब्यौरा अंकित किया जाएगा। जब कभी भी प्रेक्षक या निर्वाचन आयोग के पदाधिकारी उपरोक्त अभिलेखों की मांग करेंगे तो उन्हें अवलोकन हेतु उपलब्ध कराया जाएगा। इन भवनों का आरक्षण जिला मुख्यालय में अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी तथा अनुविभागीय मुख्यालय स्तर पर अनुविभागीय अधिकारी राजस्व द्वारा किया जाएगा। कक्षों का आरक्षण प्राथमिकता के आधार पर किया जाएगा। जिसमें निर्वाचन आयोग के प्रेक्षक, मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी एवं उनके कार्यालय के अधिकारी तथा निर्वाचन कार्य से संबंधित अन्य अधिकारी के आधार पर किया जाएगा। यह भी ध्यान रखा जाएगा कि निर्वाचन कार्य से जुड़े अधिकारीगण, प्रेक्षक आदि के लिए सदैव कक्ष आरक्षित रखा जाएगा। इसके उपरान्त कक्ष उपलब्ध होने की स्थिति में अन्य व्यक्तियों को नियमानुसार आबंटित किया जाएगा। यह प्रतिबंध निर्वाचक प्रक्रिया समाप्ति तक प्रभावशील रहेगा।
संपत्ति विरूपण अधिनियम के तहत होगी प्रभावी कार्यवाही
भारत निर्वाचन आयोग द्वारा विधानसभा निर्वाचन-2023 की घोषणा की जा चुकी है। इसी के साथ जिले में आदर्श आचरण संहिता भी प्रभावशील हो गई है। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री पुष्पेन्द्र कुमार मीणा ने जिले की सभी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत संपत्ति विरूपण अधिनियम के तहत व आदर्श आचरण संहिता का पालन सुनिश्चत कराने के निर्देश दिए है। जारी किए गए आदेश में कहा है कि चुनाव के दौरान विभिन्न राजनैतिक दलों के अभ्यर्थियों द्वारा शासकीय भूमि/भवन/अहाता/बिजली एवं टेलीफोन के खंबे आदि में पोस्टर/बैनर/होर्डिंग्स आदि लगाकर तथा दिवाल लेखन कर संपत्ति विरूपण अधिनियम का उल्लंघन किया जाता है तो ऐसे मामलों में आयोग द्वारा संपत्ति विरूपण अधिनियम के तहत प्रभावी कार्यवाही किए जाने के निर्देश दिए गए है।
संपत्ति विरूपण अधिनियम के तहत प्रभावी कार्यवाही करने हेतु कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री मीणा ने जारी आदेश में कहा है कि कोई भी व्यक्ति जो संपत्ति के स्वामी की लिखित अनुज्ञा के बिना सार्वजनिक दृष्टि से आने वाली किसी संपत्ति को स्याही, खड़िया, रंग या किसी अन्य पदार्थ से लिख कर या चिन्हित कर उसे विरूपित करेगा, वह जुर्माने से जो 1 हजार रूपए तक हो सकेगा, दण्डनीय होगा। इस अधिनियम के अधीन दण्डनीय कोई भी अपराध संज्ञेय होगा। निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार संपत्ति विरूपण के संदर्भ में राज्य में प्रचलित विधि के प्रावधनों के अनुसार कठोर कार्यवाही किया जाएगा। सम्पूर्ण चुनाव प्रक्रिया के दौरान विभिन्न राजनैतिक दलों अथवा चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थियों द्वारा शासकीय एवं अशासकीय भवनो ंकी दिवालों पर किसी प्रकार की नारे लिखकर विकृत किया जाता है, तो उनके विरूद्ध छत्तीसगढ़ संपत्ति विरूपण निवारण अधिनियम-1994 के प्रावधानों के तहत कार्यवाही की जाएगी। ग्राम व नगर में प्राप्त संख्या में टीम गठित की गई है। टीम में नगरीय निकाय, नगर पालिका निगम, नगर पंचायत, लोक निर्माण विभाग तथा राजस्व विभाग, पुलिस विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों को सम्मिलित किया गया है। टीम सघन भ्रमण कर विरूपित संपत्ति को विरूपण करने वाले के व्यय पर पूर्ण स्वरूप में लाएगी। टीम द्वारा संपत्ति विरूपण करने वाले तत्वों के विरूद्ध अधिनियम के प्रावधानानुसार एफआईआर दर्ज कर कार्यवाही की जाएगी।
यदि किसी राजनैतिक दल या निर्वाचन लड़ने वाले अभ्यर्थियों द्वारा किसी निजी संपत्ति को बिना उसके स्वामी की लिखित सहमति के विरूपित किया जाता है तो, निजी संपत्ति के स्वामी द्वारा संबंधित थाने में सूचना दर्ज कराने के बाद गठित टीम निजी संपत्ति को विरूपित होने से बचाने की कार्यवाही करेगा। संबंधित थाना प्रभारी प्रदत्त सूचना रिपोर्ट पर विधिवत् जांच कर सक्षम न्यायालय में आरोप पत्र प्रस्तुत करेगा। इसी प्रकार किसी धार्मिक स्थल का उपयोग किसी भी रूप में चुनाव प्रसार के लिए नही किया जा सकेगा। संबंधित टीम शिकायत प्राप्त होने पर संपत्ति विरूपण के प्रकरणों को पृथक से पंजी में दर्ज करेगा एवं विरूपित संपत्ति की फोटोग्राफी एवं विडियोग्राफी कराएगा।
ध्वनि विस्तारक यंत्रों पर रात्रि 10 बजे से प्रातः 6 बजे तक प्रतिबंध
कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी पुष्पेन्द्र कुमार मीणा ने जिले में रात्रि 10 बजे से प्रातः 6 बजे तक ध्वनि विस्तारक यंत्रों के प्रयोग पर पूर्णतः प्रतिबंधित कर दिया है। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री मीणा ने आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कोलाहल नियंत्रण अधिनियम-1985 की धारा 4 का प्रयोग करते हुए जिले में ध्वनि विस्तारक यंत्र के उपयोग पर रात्रि 10 बजे से सुबह 6 बजे तक पूर्णतः निशिद्ध कर दिया है। यह आदेश तत्काल प्रभावशील हो गया हैे।
कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री मीणा ने विधानसभा चुनाव के मद्देनजर छत्तीसगढ़ कोलाहल नियंत्रण अधिनियम के तहते उक्त आदेश जारी किया है। आदेश में कहा गया है कि निर्वाचन के दौरान राजनैतिक दल, उनके कार्यकर्ता तथा उनसे सहानुभूति रखने वाले व्यक्ति अपने दल के प्रचार-प्रसार के लिए ध्वनि विस्तारक यंत्रों का प्रयोग करते हैं। इन ध्वनि विस्तारक यंत्रों का प्रयोग ना केवल स्थायी रूप से होता है, वरन् विभिन्न वाहनों पर घूम-घूम कर भी किया जाता है। लाउड-स्पीकरों का ऊंची आवाज में प्रयोग करने से विद्यार्थी वर्ग, वृद्ध, दुर्बल और बीमार व्यक्ति को परेशानी होती है।
जारी आदेशानुसार ध्वनि विस्तारक यंत्रों का प्रयोग चुनाव प्रचार करने के लिए वाहनों पर एवं चुनावी सभाओं में प्रातः 6 बजे से रात्रि 10 बजे तक ही सक्षम अधिकारी के अनुमति के आधार पर किया जा सकेगा। ध्वनि विस्तारक यंत्र साधारण किस्म के एवं मध्यम आवाज पर ही लागू होगा। लोक परेशांति को देखते हुए लंबे चोंगे वाले लाउड-स्पीकरों का प्रयोग पूर्ण रूप से प्रतिबंधित किया गया है। वाहनों एवं चुनावी सभाओं में एक से अधिक लाउड-स्पीकर समूहों में लगाए जाना भी प्रतिबंधित किया गया है। चुनावी सभाओं में चुनाव प्रचार के लिए वाहनों पर ध्वनि विस्तारक यंत्र लगाने के लिए जिला मुख्यालय में कलेक्टर कार्यालय में पदस्थ नगर पालिक निगम रिसाली के श्री आशीष देवांगन को सक्षम प्राधिकारी बनाया गया है। इस हेतु जिला कार्यालय दुर्ग के कक्ष क्रमांक 28 में निर्धारित समय-सीमा में आवेदन प्रस्तुत करेंगे। इनके लिंक अधिकारी संयुक्त कलेक्टर श्री दीपक निकुंज होंगे। उपयोग के पूर्व सक्षम प्राधिकारी से लिखित पूर्वानुमति प्राप्त करना अनिवार्य है। साथ ही साथ मोटर व्हीकल एक्ट का उल्लंघन ना हो, यह भी प्राप्तकर्ता सुनिश्चित करेगा।
ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों में सक्षम अधिकारी की अनुमति से प्रातः 6 बजे से रात्रि 10 बजे तक ध्वनि विस्तारक यंत्रों का प्रयोग किया जा सकेगा, किन्तु शैक्षणिक संस्थाओं, चिकित्सालय, नर्सिंग होम, न्यायालय परिसर, शासकीय कार्यालय, छात्रावास, नगर पालिका परिषद, जनपद पंचायत, किसी अन्य स्थानीय निकाय कार्यालय, बैंक, पोस्ट आफिस, दूरभाष केन्द्र आदि से 200 मीटर के दूरी के भीतर ध्वनि विस्तारक यंत्रों का प्रयोग सामान्य स्थिति में पूर्ण रूप से प्रतिबंधित किया गया है।