दुर्ग। भारतीय जनता पार्टी के दुर्ग जिला भाजपा अध्यक्ष जितेन्द्र वर्मा ने दुर्ग जिला अस्पताल के डेंगू वार्ड में पहुंचकर डेंगू के मरीजों से मुलाकात कर उनकी कुशलक्षेम पूछी। इस दौरान जिला भाजपा अध्यक्ष जितेन्द्र वर्मा के साथ जिला भाजपा उपाध्यक्ष दिलीप साहू, जिला महामंत्री सुरेंद्र कौशिक, जिला मंत्री रोहित साहू, दीपक चोपड़ा, आईटी सेल जिला संयोजक जितेंद्र सिंह राजपूत, मंडल अध्यक्ष मदन वाढ़ई, डा.शरद अग्रवाल, नवीन पवार व अन्य कार्यकर्ता मौजूद रहे।
जिला भाजपा अध्यक्ष जितेन्द्र वर्मा ने डेंगू के बढ़ते कहर पर चिंता जाहिर कर विधायक अरुण वोरा और महापौर धीरज बाकलीवाल पर निशाना साधा। जिला भाजपा अध्यक्ष जितेन्द्र वर्मा ने कहा कि दुर्ग शहर में डेंगू का प्रकोप लगातार बढ़ रहा है, लेकिन शहर के दो बड़े जिम्मेदार जनप्रतिनिधि खामोश बैठे हैं उन्हें ना तो मरीजों की आवाज सुनाई दे रही है ना हीं डेंगू का फैलाव नजर आ रहा है।
जितेन्द्र वर्मा ने दुर्ग के कांग्रेस विधायक और महापौर के साथ-साथ प्रदेश कांग्रेस सरकार पर हमलावर होते हुए कहा कि दुर्ग की स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह तार-तार हो चुकी है और सरकारी अस्पताल की बदहाली के चलते डेंगू के मरीजों को विवश होकर निजी अस्पतालों का रुख करना पड़ रहा है। जहाँ एलाइजा टेस्ट की रिपोर्ट जमा किए बिना आयुष्मान कार्ड के जरिए इलाज का खर्च वसूलने के लिए क्लेम किया जा रहा है।
जितेन्द्र वर्मा ने दुर्ग शहर में डेंगू के फैलाव के लिए विधायक अरुण वोरा और महापौर धीरज बाकलीवाल को दोषी ठहराते हुए कहा कि शहर में चारों ओर नालियां बजबजा रही है। गंदगी का आलम यह है कि नालियों का पानी सड़कों पर बह रहा है। डेंगू के मच्छर एवं लार्वा के समाप्त करने के लिए कोई भी कारगर योजना नहीं है। नगर निगम कुंभकर्णी नींद में है। दुर्ग विधायक अरुण वोरा ने धीरज बाकलीवाल जैसी कठपुतली को महापौर बनाकर नगर निगम में बैठाया है।
अरुण वोरा नगर निगम को अपनी मुट्ठी में रखते हैं इसीलिए नगर निगम प्रशासन पूरी तरह से दिशाहीन हो चला है। डेंगू के मच्छरों के काटने से हजारों लोग डेंगू से प्रभावित हैं। सरकारी सहित निजी अस्पतालों में डेंगू के मरीजों के भीड़ लग गई है। निजी अस्पतालों व लैब की मार से आमजनता कराह रही है। अब तक दर्जनों लोग डेंगू के चलते काल कवलित हो गए है। आम जनता डेंगू से भय ग्रस्त है पर शासन एवं प्रशासन पूरी तरह हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं, डेंगू से निपटने शासन एवं प्रशासन के पास कोई योजना ही नहीं दिखती। जनता को उनके हाल पर छोड़ दिया गया है। सफाई के नाम पर प्रति माह करोड़ों रुपया खर्च हो रहा है आखिर सफाई कहां की हो रही है? और अगर सफाई हो रही है तो फिर डेंगू के मच्छर कैसे पैदा हो रहे हैं?
दुर्ग निगम प्रशासन जनता के मूलभूत समस्याओं के बजाय सिर्फ और सिर्फ शहर के चौक चौराहों पर चाइनीस लाइट लगाने में और कमीशनखोरी का काम करने में मस्त है। नगर निगम प्रशासन को नाली, सड़क, पानी बिजली जैसे मामलों से कोई लेना-देना ही नहीं है।
भाजपा जिला अध्यक्ष जितेन्द्र वर्मा ने कहा कि अरुण वोरा और धीरज बाकलीवाल के चलते दुर्ग की संपूर्ण व्यवस्था वेंटिलेटर पर है और जनता को भगवान भरोसे छोड़ दिया है। विधायक, महापौर और प्रदेश सरकार के जिम्मेदार नेता फर्जी आंकड़े दिखाकर जनता को भरमाने के काम में लगे हैं, उनकी प्राथमिकता डेंगू से लोगों की जान बचाना नहीं है, यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। चिकित्सा शिक्षा से जुड़े डॉ. विष्णु दत्त भी एक सप्ताह से डेंगू का इलाज अंबेडकर अस्पताल में करा रहे हैं। इससे यह स्पष्ट होता है कि डेंगू का प्रकोप भयावह हो चला है। दुर्ग विधायक अरुण वोरा और महापौर धीरज बाकलीवाल में संवेदना खत्म हो चुकी है। डेंगू के चलते हँसते-खेलते परिवार उजड़ रहे हैं।
कांग्रेस विधायक, महापौर और जिले के स्वास्थ्य प्रशासन को चेतावनी देते हुए जिला भाजपा अध्यक्ष जितेंद्र वर्मा ने कहा कि यदि डेंगू के रोकथाम के लिए आवश्यक उपाय नहीं किए गए तो भारतीय जनता पार्टी द्वारा जनता को साथ लेकर मोर्चा खोला जाएगा।