दुर्ग (छत्तीसगढ़)। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के तत्वावधान में संस्था के द्वितीय मुख्य प्रशासिका दादी प्रकाशमणि का 16 वॉं पुण्य स्मृति दिवस “विश्व बंधुत्व दिवस”के रूप में राजऋषि भवन केलाबाड़ी दुर्ग सेवाकेंद्र पर मनाया गया । जिसमें ब्रह्माकुमारीज के सभी सदस्यों द्वारा उनके शिक्षाओं को जीवन में उतारने व उनके जैसा जीवन बनाने की प्रेरणा लेते हुए पुष्पांजलि दी गई । इस अवसर पर दुर्ग सेवाकेंद्र की संचालिका ब्रह्माकुमारी रीटा बहन ने दादी जी की विशेषताएं सुनाते हुए कहा कि उनका स्वभाव बहुत मधुर सहनशील और मिलनसार था। वह हर एक के आध्यात्मिक उन्नति और संतुष्टता का पूरा ध्यान रखती थी इसलिए हर एक को एक मां,एक मार्गदर्शक और एक प्रिय मित्र के रूप में दादी जी से आंतरिक स्नेह रहता था ।
उन्होंने सभी का “प्रभु परिवार सो अपना परिवार ” मानकर पालना की । वे सन 1936 में संस्था के स्थापना काल में 14 वर्ष की आयु में संस्था में आई और उन्हें श्री कृष्ण का साक्षात्कार हो गया। तत्पश्चात उन्होंने अपना संपूर्ण जीवन ईश्वरीय सेवा में व मानवता की सेवाओं में समर्पित कर दिया । सन 1969 से सन 2007 तक उनके संस्था के मुख्य प्रशासिका रहते हुए 50 सेवाकेंद्रों से 5000 सेवाकेंद्रों की संस्था विश्व की 135 देशों में पहुंच गयी । 25 अगस्त 2007 को प्रातः 10:00 बजे उन्होंने अपने पार्थिव देह का त्याग किया । ब्रह्माकुमारी रीटा बहन ने आगे बताया कि उनके जीवन के समर्पण में भी दादी जी की प्रेरणा समाहित थी । सभी ने परमात्मा व दादी जी के स्मृति में स्थित होकर पूरे विश्व में शांति, प्रेम व भाईचारे के शक्तिशाली प्रकंपन भी फैलाये | दादी जी व परमात्मा को भोग भी स्वीकार कराया गया व सर्व को वितरित किया गया । इसी प्रकार प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के भिलाई स्थित सेवाकेंद्र पर भी दादी जी की पुण्यतिथि मनाई गई।