रायपुर, ShorGul.news । बड़े अपराधिक मामलों में नारको टेस्ट अपराध की जड़ तक पहुंचने का माध्यम होता है। माना जाता है कि नारको टेस्ट में अपराधी पूरा सच बताता है। देश में नारको टेस्ट की सुविधा चुनिंदा शहरों में ही है। छत्तीसगढ़ पुलिस को भी किसी मामले में नारको टेस्ट कराना होता है तो उसे दूसरे मेट्रो सिटीज के भरोसे रहना होता है। पर अब ऐसा नहीं होगा। छत्तीसगढ़ में अब नारको टेस्ट हो सकेगा। एम्स रायपुर को इसके लिए मंजूरी मिल गई।
छत्तीसगढ़ के लोक निर्माण, गृह, जेल, धार्मिक न्यास, धर्मस्व और पर्यटन ताम्रध्वज साहू ने विधानसभा में यह जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि अब बड़े अपराधों में इस्तेमाल किए जाने वाले नारको टेस्ट के लिए देश के बड़े राज्यों में नंबर नहीं लगाना पड़ेगा। नारको टेस्ट के लिए छत्तीसगढ़ अब आत्म निर्भर बन गया है। राज्य सरकार ने नारको टेस्ट के लिए जरूरी औपचारिकताएं पूरी कर ली है और रायपुर एम्स के साथ मिलकर इसके लिए जरूरी मशीनें भी मंगा ली गयी हैं । जल्द ही एम्स में नारको टेस्ट हो सकेगा जिससे छत्तीसगढ़ पुलिस को लाभ मिलेगा।
डायल 112 की सुविधा अब 28 जिलों में
गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने विधानसभा में पुलिस विभाग की चर्चा में साहू ने कहा कि साइबर अपराधों में लगाम लगाने के लिए प्रदेश के सभी 5 रेंज मुख्यालयों में साइबर थानों की स्थापना की जाएगी। वर्तमान में डायल 112 की सुविधा 11 जिलों में हैं, जिसे बढ़ाकर अब 28 जिलों में किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि चिटफंड कंपनियों पर लगातार कार्यवाही की जा रही है और निवेशकों को राशि लौटाई जा रही है। उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि अब तक 209 अनियमित चिटफंड कंपनियों पर कार्यवाही करते हुए निवेशकों को 32 करोड़ रूपए की राशि लौटाई जा चुकी है।