दुर्ग। पाटन के चमनलाल कोसे ने पर्वतारोहण क्षेत्र में नया रिकॉर्ड कायम किया है। चमन ने हिमाचल प्रदेश के सोलांग वैली में स्थित 17,353 फीट की ऊंचाई वाले माउंट फ्रेंडशिप पीक पर छत्तीसगढ़िया ओलंपिक का झंडा फहराया है। इस तरह हमारा बेटा चमनलाल कोसे विंटर एक्सपीडिशन करने वाला छत्तीसगढ़ का पहला व्यक्ति हो गया है, यह पर्वतारोहण के क्षेत्र में सबसे उच्चतम श्रेणी की विधा है। 25 वर्षीय चमन बचपन से ही पर्वतारोहण का शौक रखते हैं। इस अभियान के लिए चमनलाल कोसे ने सीएम भूपेश बघेल का आभार व्यक्त किया है। इसके साथ ही खेल एवं युवा कल्याण विभाग के मंत्री उमेश पटेल को भी धन्यवाद दिया है। बताना जरूरी है कि जनजागरुकता ने ही 12 नवंबर को सबसे पहले ये खबर ब्रेक की थी। इस दौरान चमन ने माइनस 14 डिग्री तापमान पर ट्रैकिंग द्वारा लगभग 24 किलोमीटर की दूरी तय की।
माउंट फ़्रेंडशिप पीक 6 दिनों में फतह किया
चमनलाल कोसे ने माउंट फ़्रेंडशिप पीक को 6 दिनों में फतह कर लिया। उन्होंने 15 नवंबर को एडवांस बेस कैंप से रात 10.10 बजे चढ़ाई शुरू की और 16 नवंबर को सुबह 3.40 बजे इसे पूरा कर लिया। वे बीते 10 नवंबर को रायपुर से इस अभियान के लिए निकले थे। इस दौरान माइनस 14 डिग्री तापमान पर ट्रैकिंग द्वारा लगभग 24 किलोमीटर की दूरी तय की।
आसान नहीं थी चढ़ाई… बड़ी चुनौती विंड चिल्ड फैक्टर थी
छत्तीसगढ़ के पहले विंटर एक्सपीडिशन करने वाले चमनलाल कोसे ने जनजागरुकता को बताया कि यह चढ़ाई आसान नहीं थी। चढ़ाई के दौरान कई सारी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। सबसे बड़ी चुनौती विंड चिल्ड फैक्टर थी, यानी ठंडी तेज़ हवाओं से बचना। इसके अलावा दो बार हिमस्खलन का सामना भी करना पड़ा। चमन ने बताया कि इस दौरान वे पहाड़ों पर होने वाली एक बीमारी की चपेट में भी बीमारी की चपेट में भी आ गए लेकिन उनका कुछ करने का जज़्बा और जुनून ही उन्हें शिखर पर ले गया।
पाटनवालेकका का पोस्टर शिखर पर फहराया
कहा- कका के सहयोग के बिना यह संभव नहीं था
छत्तीसगढ़िया ओलंपिक को एडवेंचर स्पोर्ट्स के जरिए बढ़ावा देने लिए चमन ने 17,353 फीट पर हिमाचल प्रदेश के माउंट फ्रेंडशिप पीक “छत्तीसगढ़िया ओलंपिक” का झंडा फहराया। इस अभियान के लिए चमनलाल कोसे ने अपने विधायक और प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल का आभार व्यक्त अपने तरीके से किया है। चमन ने सीएम भूपेश बघेल को समर्पित करते हुए #पाटनवालेकका का पोस्टर शिखर पर फहराया। उन्होंने कहा कि कका के सहयोग के बिना यह कर पाना संभव नहीं था।
Alpine Technique Climbing में भी महारत है चमन को
चमनलाल कोसे ने अल्पाइन टेक्निक क्लाइम्बिंग (Alpine Technique Climbing) के साथ साथ विंटर एक्सपीडिशन (Winter Expedition) भी किया है। अल्पाइन टेक्निक से क्लाइम्बिंग यानी इस चढ़ाई में अमूमन 1-2 लोग ही होते हैं और अभियान को पूरा करते हैं। यह पर्वतारोहण के क्षेत्र में सबसे उच्चतम श्रेणी की विधा है। विंटर एक्सपीडिशन का मतलब शरद ऋतु में पर्वतारोहण करना है। विंटर एक्सपीडिशन 1% से भी कम पर्वतारोही ही कर पाते हैं। इस तरह राष्ट्रीय स्तर पर विंटर एक्सपीडिशन करने वाले छत्तीसगढ़ के पहले व्यक्ति चमनलाल कोसे बन गए हैं। इससे पहले छत्तीसगढ़ के एवेरेस्ट पर्वतारोही राहुल गुप्ता ‘माउंटेन मेन’ ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर के पहाड़ों पर अल्पाइन टेक्निक के साथ साथ विंटर एक्सपीडिशन भी किया है।
अफ्रीका महाद्वीप के अगले अभियान के लिए तैयार
चमनलाल अब अगले महीने में चमन अफ्रीका महाद्वीप के सबसे ऊंची चोटी माउंट किलिमंजारो (19,341 फिट / 5,895 मीटर) की ऊंची चोटी पर चढ़ाई करेंगे जो कि महाद्वीपों के पहाड़ों की ऊंचाई की रैंकिंग में चौथी सबसे ऊंची चोटी है।
चमन को यहां मिली है ट्रेनिंग
पर्वतारोही चमनलाल कोसे ने सिक्किम के पर्वतारोहण संस्थान से माउंटेनियरिंग (पर्वतारोहण) और माउंट आबू, राजस्थान में स्थित स्वामी विवेकानंद इंस्टिट्यूट से रॉक क्लाइम्बिंग का कोर्स किया है। पर्वतारोहण जैसे साहसिक खेलों के क्षेत्र में पिछले 5 सालों का अनुभव रहा है। उन्होंने उत्तराखंड व छत्तीसगढ़ के एडवेंचर स्पोर्ट्स बेस्ड कंपनी व संस्थान में भी काम सीखा है।
“छत्तीसगढ़िया ओलंपिक” का नतीजा है ये
चमनलाल कोसे को छत्तीसगढ़ गौ सेवा आयोग के चेयरमैन रामसुंदरदास ने शुक्रवार 11 नवंबर को हरी झंडी दिखाकर व बधाई देते हुए रवाना किया था। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा स्थानीय खेलों को बढ़ावा देने के लिए छत्तीसगढ़िया ओलंपिक का आयोजन प्रदेश भर में किया जा रहा है। इसी कड़ी में पाटन के चमन छत्तीसगढ़िया ओलंपिक को एडवेंचर स्पोर्ट्स के जरिये बढ़ावा देने लिए 17,353 फीट पर हिमाचल के माउंट फ्रेंडशिप पीक “छत्तीसगढ़िया ओलंपिक” का झंडा फहराने निकले थे। उनके इस अभियान के लिए छत्तीसगढ़ सरकार के खेल एवं युवा कल्याण विभाग ने सहयोग किया है। 25 वर्षीय चमनलाल कोसे दुर्ग जिले के पाटन के रहने वाले हैं। चमन एक मध्यम वर्गीय परिवार के हैं। उनके पिता अलख कोसे एक किसान हैं। साथ ही चमन वर्तमान समय में कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय रायपुर में समाजकार्य विभाग के प्रथम सेमेस्टर के विद्यार्थी हैं।