न्यूयॉर्क । भारत के प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी की साफगोई और सटीक जबाव के लिए दुनियाभर में प्रशंसा हो रही है। अब ब्रिटेन के विदेश मंत्री जेम्स क्लेवरली ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विश्व मंच पर प्रभावशाली तरीके से अपनी बात रखने के लिए पहचाना जाता है और रूसी नेतृत्व भी वैश्विक स्तर पर भारत की स्थिति का सम्मान करता है। क्लेवरली ने कहा कि ब्रिटेन उम्मीद करता है कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन उन आवाजों पर गौर करेंगे, जो यूक्रेन युद्ध के बीच शांति की मांग को लेकर उठ रही हैं। क्लेवरली रूस-यूक्रेन युद्ध और प्रधानमंत्री मोदी के रूस के राष्ट्रपति से की गई बातचीत से जुड़े एक सवाल का जवाब दे रहे थे।
मोदी ने पिछले हफ्ते उज्बेकिस्तान के समरकंद में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की 22वीं शिखर बैठक के इतर पुतिन से कहा था, ‘आज का युग युद्ध का नहीं है।’ क्लेवरली ने एक इंटरव्यू में कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विश्व मंच पर प्रभावशाली तरीके से अपनी बात रखने के लिए पहचाना जाता है। हमें पता है कि रूसी नेतृत्व भी वैश्विक स्तर पर भारत की स्थिति का सम्मान करता है।’ उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि मामले में प्रधानमंत्री मोदी का यह कदम स्वागत योग्य है। हम उम्मीद करते हैं कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन उन आवाजों पर गौर करेंगे, जो शांति स्थापना व तनाव कम करने की मांग को लेकर उठी रही हैं। इसलिए हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस कदम का स्वागत करते हैं।’ उन्होंने कहा कि यूक्रेन युद्ध में कई जिंदगियां तबाह हो गई हैं। वैश्विक स्तर पर अशांति, मानवीय व भू-राजनीतिक संकट के बीच विश्व नेताओं के संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में एकत्रित होने के संदर्भ में क्लेवरली ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र अब भी प्रासंगिक है। उन्होंने कहा, ‘विश्व कई क्षेत्रों में बेहद तेजी से बदल रहा है। यह महत्वपूर्ण है कि अंतरराष्ट्रीय संस्थान उन बदलती चुनौतियों व परिस्थितियों का सामना करने के हिसाब से खुद में बदलाव लाएं। संयुक्त राष्ट्र जैसे बहुपक्षीय मंच हमेशा हमारे संबंधों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहेंगे।’
उन्होंने कहा कि द्विपक्षीय संबंध भी बेहद महत्वपूर्ण हैं। संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) सत्र अपने समकक्षों के साथ द्विपक्षीय बैठक करने का एक ‘बेहतरीन अवसर’ प्रदान करता है। यूएनजीए के सत्र के लिए न्यूयॉर्क पहुंचे क्लेवरली ने बुधवार देर शाम विदेश मंत्री एस जयशंकर से भी मुलाकात की थी। इससे पहले दिन में क्लेवरली ने कहा था कि वह अपने भारतीय समकक्ष से मिलने को लेकर उत्साहित हैं। उन्होंने कहा था, ‘जयशंकर हमें अच्छी तरह से जानते हैं। उन्होंने मेरे पूर्ववर्तियों के साथ काम किया है। मैं वैश्विक मुद्दों, क्षेत्रीय मुद्दों और हमारे द्विपक्षीय संबंधों पर उनके साथ चर्चा करने के लिए उत्साहित हूं।
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