मुंबई। मुंबई के प्रसिद्ध लालबाग के राजा के दरबार में आए भक्तों ने इस प्रकार दरियादिली दिखाई कि बप्पा का खजाना लबालब हो गया. महज 10 दिन में ही बप्पा की तिजारी में 20 करोड़ से अधिक की दौलत जमा हो चुकी है. दरबार में इस बार आए चढ़ावे में सोने चांदी के आभूषणों का अंबार लग गया है. आलम यह है कि यहां नगदी और जेवर की गिनती करने वाले भी हैरान हैं. भक्तों ने पांडाल में केवल चढ़ावा ही जी खोल कर नहीं चढ़ाया है, चढ़ावे में आए सामान की नीलामी में भी बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया है. कई भक्तों ने तो प्रसाद के रूप में इच्छित वस्तु को पाने के लिए दस गुना तक रकम चुकाया है. जी हाँ, वैसे तो हर साल लालबाग के राजा के पांडाल में भक्तगण जी खोल कर चढ़ावा चढ़ाते हैं, लेकिन इस बार नजारा कुछ और ही है.गणेशोत्सव मंडल के सचिव सुधीर सालवी कहते हैं कि कोविड काल के चलते दो साल इस बार लोगों को बप्पा का दर्शन मिला. कई लोगों की मुरादें बप्पा ने पहले ही पूरी की. यही वजह रही कि इस बार भक्तों ने बाप्पा की तिजारी भर दी. उन्होंने कहा कि इस बार चढ़ावे में सोने चांदी के गहने, बर्तन, मोदक, गणपति बप्पा की मूर्ति, मूषक, नारियल, मुकुट, घंटी, सोने की चैन, बिस्किट के अलावा एक मोटर साइकल और करीब 5 करोड़ की नगदी जमा हुई है. बप्पा के दरबार में आए चढ़ावों की नीलामी गुरुवार की रात 10 तक बजे हुई़. गणेशोत्सव मंडल ने किसी भी आइटम की जो कीमत निर्धारित की थी, भक्तों ने उसका भी दो से तीन गुना बोली लगाया और बोली अपने नाम कर ली. शाम पांच से शुरू हुई इस नीलामी में भक्तों की संख्या देखने लायक थी. इस नीलामी में शामिल बप्पा के भक्तों का कहना था कि पैसों की चिंता नहीं, उन्हें तो बस गणपति बप्पा का प्रसाद किसी भी तरह से अपने घर में लाना है.
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