तिरुवनंतपुरम । इन दिनों केरल सरकार की वित्तीय हालत बेहद खराब है। वित्तीय संकट से जूझने के बाद मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन अपनी कैबिनेट के तीन सदस्यों के साथ यूरोप टूर पर जा रहे हैं। इसके बाद वे कांग्रेस और भाजपा दोनों के निशाने पर आ गए हैं। दोनों ने उनके यूरोप दौरे पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। यह यात्रा राज्य में निवेश आकर्षित करने के मकसद से यात्रा कर रहे हैं।
सीएम विजयन के साथ शिक्षा मंत्री वी शिवनकुट्टी, उद्योग मंत्री पी राजीव और वित्त मंत्री केएन बालगोपाल भी जा रहे हैं। राज्य के वित्त मंत्री बालगोपाल ने यात्रा को उचित बताकर कहा कि इससे राज्य को बहुत फायदा होगा। उन्होंने कहा कि राज्य के वित्तीय हालातों को देखकर यात्रा को स्थगित नहीं किया जा सकता है।
बात दें कि मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री और अधिकारियों का एक समूह अगले माह अक्टूबर के पहले सप्ताह में यूरोप के दौरे पर जा रहा है। वह फिनलैंड, नॉर्वे और अन्य नॉर्डिक देशों का दौरा करने वाले हैं। इस प्रस्तावित विदेशी दौरे पर राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है। विपक्ष आरोप लगा रहा है कि जब राज्य की वित्तीय हालात खराब है, तब सीएम मंत्रियों के साथ विदेश यात्रा पर क्यों जा रहे हैं। कांग्रेस और भाजपा ने सत्तारूढ़ दल पर हमला बोलकर कहा कि वह वित्तीय विवेक पर लेक्चर देना बंद करें।
साथ ही पर्यटन मंत्री मोहम्मद रियास के अगले माह पर्यटन की संभावनाएं तलाशने के लिए फ्रांस और अन्य देशों की यात्रा करने की उम्मीद है। उद्योग मंत्री पी राजीव राज्य में निवेश आकर्षित करने के लिए नवंबर में ब्रिटेन का दौरा करने वाले हैं। बालगोपाल ने कहा कि यह दौरे ज्ञान और आपसी सहयोग और मदद हासिल करने के लिए महत्वपूर्ण हैं। वे राज्य के समग्र व्यय को प्रभावित नहीं करने वाले हैं। उन्होंने कहा है कि स्थिति उतनी खराब नहीं है जितनी एक वर्ग ने पेश की है।
उधर, माकपा के राज्य सचिव एमवी गोविंदन ने कहा कि विदेश यात्राएं शासन का हिस्सा हैं। हम अन्य देशों से बहुत कुछ सीख सकते हैं। उन्होंने वित्तीय हालत पर कहा कि इस साल अप्रैल से दिसंबर तक नौ माह की अवधि में केंद्र सरकार पर 17,936 करोड़ रुपये के कर्ज ने राज्य की वित्तीय स्थिति को बिगाड़ दिया है।
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