गुलाम नबी आजाद ने अचानक कांग्रेस पार्टी के इस्तीफा देकर सभी को चौंका दिया है। बीते कुछ समय से कांग्रेस आलाकमान से काफी नाराज चल रहे थे क्योंकि उन्हें पार्टी में दरकिनार किया जा रहा था और कई बार इस बात को लेकर वे नाराजगी भी जता चुके थे। कांग्रेस को दिग्गज नेता रहे हैं और उन्हें काम करने का लंबा अनुभव रहा है। गुलाम नबी आजाद साल 1990 में पहली बार राज्यसभा के लिए निर्वाचित हुए थे और संसद में चार दशक से अधिक समय तक रहे हैं।
इंदिरा व राजीव गांधी के खास थे आजाद
इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के साथ भी काम कर चुके हैं। 7 मार्च 1949 को जम्मू के डोडा में जन्मे गुलाम नबी आजाद एक पढ़े-लिखे राजनेता हैं। 1973 में गुलाम नबी आजाद ने ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के सचिव के रूप में अपना राजनीतिक करियर शुरू किया था और धीरे धीरे राजनीति में अपनी जगह बनाते गए। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने जब जम्मू का दौरा किया तो वह गुलाम नबी आजाद से काफी प्रभावित थीं। वर्ष 1975 में आजाद को जम्मू-कश्मीर युवा कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया और फिर 1980 में वे युवा कांग्रेस के अखिल भारतीय अध्यक्ष बने।
सरकार में संभाले कई खास ओहदे
गुलाम नबी आजाद ने अपने पूरे कार्यकाल में कांग्रेस पार्टी के साथ-साथ केंद्र सरकार में भी कई खास पदों पर रहें। 1980 में गुलाम नबी आजाद महाराष्ट्र के वाशिम से लोकसभा चुनाव जीतकर पहली बार सांसद बने थे और इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। 1986 में देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने आजाद को जम्मू कश्मीर का मुख्यमंत्री बनने का अनुरोध किया था, लेकिन प्रस्ताव को ठुकरा दिया कि उन्हें राज्य की राजनीति की कोई इच्छा नहीं है, हालांकि बाद के वर्षों में सियासत बदली और बाद में गुलाम नबी आजाद जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री भी बने।
आजाद को फूलों का शौक, बनवाया सबसे बड़ा ट्यूलिप गार्डन
गुलाम नबी आजाद को फूलों का बहुत शौक है। उन्होंने कश्मीर में सबसे बड़े ट्यूलिप गार्डन का निर्माण भी करवाया। कश्मीर का ट्यूलिप गार्डन एशिया का सबसे बड़ा ट्यूलिप गार्डन कहा जाता है। गुलाम नबी आजाद एक अच्छे शायर भी है और उनकी पत्नी शमीम जम्मू-कश्मीर की मशहूर गायिका हैं और उन्हें पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है।