सतनाम संदेश शोभायात्रा के अवसर पर बालोद जिले में पीएचई मंत्री का हुआ भव्य एवं आत्मीय स्वागत ग्राम सिकोसा में मिनीमाता की प्रतिमा का किया अनावरण सतनाम सामाजिक भवन के लिए 25 लाख रूपए की घोषणा
रायपुर, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी और ग्रामोद्योग मंत्री और सतनामी समाज के जगतगुरु गुरू रूद्रकुमार आज बालोद जिले में आयोजित सतनाम संदेश यात्रा में शामिल हुए। इस अवसर पर उन्होंने ने कहा कि सतनाम समाज के सभी अनुयायियों को परम पूज्य बाबा गुरू घासीदास के विचारों और सिद्धांतों को आत्मसात् कर अपने विचार एवं कर्म को स्वच्छ, सुंदर एवं उज्ज्वल बनाए। उन्होंने सतनाम पंथ के प्रवर्तक परम पूज्य बाबा गुरू घासीदास एवं अन्य गुरूओं के त्याग, तपस्या एवं उनके पावन कर्मों तथा गौरवशाली विरासत के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। मंत्री गुरू रूद्रकुमार आज जिला मुख्यालय बालोद के समीपस्थ ग्राम पाकुरभाट में सतनामी समाज द्वारा आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे। मंत्री गुरू रूद्रकुमार का गुरूदर्शन, रावटी एवं सतनाम संदेश शोभायात्रा के अवसर पर बालोद जिले में सतनामी समाज के लोगों ने जगह-जगह पर आत्मीय एवं भव्य स्वागत किया। इस दौरान ग्राम ओटेबंद चौक, अर्जुन्दा चौक गुण्डरदेही, ग्राम सिकोसा, ग्राम पड़कीभाट एवं जिला मुख्यालय बालोद में सतनामी समाज के लोग बड़ी संख्या में उपस्थित होकर सतनामी समाज के जगतगुरु गुरू रूद्र कुमार का स्वागत अभिनंदन किया। इस अवसर पर मंत्री गुरू रूद्रकुमार ने ग्राम सिकोसा में प्रथम महिला सांसद स्व. मिनीमाता के प्रतिमा का अनावरण भी किया। मंत्री गुरू रूद्रकुमार ने ग्राम पाकुरभाट में आयोजित कार्यक्रम में सतनाम सामाजिक भवन के लिए 25 लाख रूपए की घोषणा भी की। उन्होंने इस कार्यक्रम के दौरान प्राप्त लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग से संबंधित आवेदनों पर कार्रवाई कर उनका समुचित निराकरण सुनिश्चित करने की बात भी कही। इस अवसर पर मंत्री गुरू रूद्रकुमार ने सतनामी समाज को एकता के सूत्र में पिरोए रखने के लिए जिला सतनामी समाज के कार्यों की सराहना भी की। उन्होंने कहा कि समाज के लोगोें को गौरवशाली इतिहास एवं संस्कृति का ज्ञान होना चाहिए। उन्होंने समाज को कुरीतियों से दूर रखने तथा समाज हित में निरंतर कार्य करने की बात कही। इस अवसर पर जिला पंचायत की अध्यक्ष श्रीमती सोनादेवी देशलहरा, जिला अध्यक्ष सतनामी समाज संजय बारले सहित अन्य सामाजिक प्रतिनिधियों के अलावा बड़ी संख्या में सतनामी समाज के लोग उपस्थित थे।