किंशासा । कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य-डीआरसी के अस्थिरता वाले पूर्वी इलाके के उत्तरी किवु प्रांत में इबोला वायरस फिर कहर बरपा रहा है। इस इलाके में इबोला वायरस के संदिग्ध मामले की जांच की जा रही है। पिछली इबोला वायरस महामारी के अंत की घोषणा के कुछ हफ्ते बाद ही विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने अब इबोला वायरस का नया प्रकोप शुरू होने की आशंका जताई है।
खबरों के मुताबिक डीआरसी ने पिछले महीने की शुरुआत में अपने देश से इबोला महामारी के अंत की घोषणा की थी। जबकि दो महीने के बाद ही उत्तर-पश्चिमी भूमध्य रेखा के करीब के प्रांत में इबोला वायरस फिर से उभरा है। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि इबोला के चार पुष्ट मामले और एक संदिग्ध मामला सामने आया है। जिनमें से सभी की मृत्यु हो गई है। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक 1976 में जबसे इस बीमारी की खोज की गई, यह इस देश में इबोला वायरस का 14 वां प्रकोप है।
अब अधिकारियों को डर है कि उत्तरी किवु के पूर्वी इलाके में सोमवार को जिस 46 वर्षीय महिला की मौत हुई है, वह भी इबोला वायरस की शिकार हो सकती है। डब्ल्यूएचओ ने एक बयान में कहा कि शुरुआत में अन्य बीमारियों के लिए बेनी शहर के अस्पताल में उसका इलाज किया गया था। लेकिन बाद में उसमें इबोला वायरस रोग के समान लक्षण देखे गए। उसके सैंपल जांच के लिए लैब में भेजे गए हैं।
डब्ल्यूएचओ के अफ्रीका के क्षेत्रीय निदेशक मात्शिदिसो मोएती ने एक बयान में कहा कि डब्ल्यूएचओ पहले से ही मामले की जांच के लिए स्वास्थ्य अधिकारियों को सहयोग कर रहा है और संभावित प्रकोप से निपटने की तैयारी कर रहा है। जबकि सरकार ने शनिवार को लोगों से सावधानी बरतने का आग्रह किया और कहा कि उत्तरी किवु में टीकों का भंडार मौजूद है। गौरतलब है कि इबोला एक घातक वायरल बुखार है। जिसमें मुख्य लक्षण बुखार, उल्टी, रक्तस्राव और दस्त होते हैं। डीआरसी की सबसे घातक महामारी ने 2020 में 2,280 लोगों की जान ले ली थी। डब्ल्यूएचओ ने शुक्रवार को कहा कि दो मौजूदा उपचार इबोला से होने वाली मौतों को बहुत कम करते हैं।
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