बेंगलुरु । सार्वजनिक स्थल पर धूम्रपान करने वाले 14.3 लाख लोगों पर जुर्माना लगा है, इसमें से 5 लाख अकेले कर्नाटक राज्य के थे। यानी देश भर में 2019-20 और 2021-22 के बीच में करीब 35 फीसद के साथ राज्य जुर्माना लगने वाले लोगों में अव्वल स्थान पर था। सभी दोषियों को सिगरेट एवं अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम की धारा 4 के तहत चालान दिए गए थे। अधिनियम के विज्ञापन पर रोक, व्यापार और वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति और वितरण के विनियमन नियम के तहत किसी भी सार्वजनिक स्थल पर धूम्रपान वर्जित है। हालांकि नियम के तहत कुछ अपवाद भी छोड़े गए हैं, जैसे 30 कमरों वाले होटल या 30 से ज्यादा लोगों के बैठने की व्यवस्था वाले रेस्त्रां, एयरपोर्ट जहां पर अलग से धूम्रपान क्षेत्र की व्यवस्था होती है। अधिनियम का मकसद सार्वजनिक स्थल पर धूम्रपान को रोकना है, ताकि धूम्रपान नहीं करने वाले पैसिव स्मोकिंग यानी बगैर सिगरेट पिए उसका नुकसान झेलने से बच सकें। अधिनियम की धारा 4 के तहत ऐसा करते मिलने पर 200 रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के डेटा से पता चलता है कि पिछले तीन सालों में केरल, गुजरात और हिमाचल प्रदेश में भी बड़ी संख्या में लोगों पर जुर्माना लगाया गया है। तीन सालों में इन राज्यों पर लगा जुर्माना एक साथ मिलाकर, देश भर के कुल जुर्माने का 65 फीसद था। 2019-20 में चारों राज्यों के करीब 3.8 लाख लोगों यानी 64.4 फीसद लोगों पर जुर्माना लगाया गया, 2020-21 में यह 81.4 फीसद और 2021-22 में यह 68.7 फीसद था।
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