नई दिल्ली । मौसम विभाग की भविष्यवाणी उत्तर-पश्चिमी राज्यों के लिए राहत प्रदान करने वाली है। जुलाई महीने में उत्तर भारत में अच्छी बारिश के आसार हैं। मौसम विभाग ने शुक्रवार को जुलाई महीने की बारिश को लेकर पूर्वानुमान जारी करते हुए कहा कि यह सामान्य के 94-106 फीसदी के बीच हो सकती है। यानी सामान्य से छह फीसदी कम या ज्यादा भी हो सकती है। जुलाई महीने में सामान्य बारिश का मतलब 280.4 मिमी बारिश से है। यह मात्रा 1971-2020 तक के आंकड़ों के आधार पर निर्धारित की गई है। मौसम विभाग ने कहा कि उत्तरी, मध्य और दक्षिणी हिस्सों में जुलाई में सामान्य से अधिक जबकि पूर्वोत्तर हिस्से में सामान्य से कम बारिश हो सकती है। मानसून के बादल एक जुलाई तक करीब-करीब पूरे देश पर यह छा चुके हैं। देश में तय समय पर मानूसन की दस्तक के बावजूद जून महीने में सामान्य से आठ फीसदी कम बारिश दर्ज की गई। मौसम विभाग ने पूरे देश को 36 संभागों में बांटा है। पूर्वोत्तर के हिस्से को छोड़ दिया जाए तो 20 संभाग सूखे की ओर हैं। सामान्य से काफी कम बारिश वाले 55 फीसदी संभाग में दिल्ली, हरियाणा, पश्चिमी यूपी, पूर्वी यूपी और झारखंड भी शामिल है। मौसम विभाग के अनुसार एक जून से 30 जून के बीच देश में 165 मिमी के मुकाबले 152 मिमी ही बारिश हुई, यह आठ फीसदी कम है। देश के चार हिस्सों पर नजर डालें तो पूर्वोत्तर में सामान्य से 22 फीसदी ज्यादा बारिश हुई है। लेकिन उत्तर-पश्चिम भारत में 12, मध्य भारत में 30 और दक्षिण भारत में 14 फीसदी कम बारिश हुई है। कुल 36 संभागों में से 20 संभाग ऐसे हैं जहां बारिश कम हुई है। शेष 16 संभागों में से छह में सामान्य से ज्यादा बारिश और 10 में सामान्य बारिश हुई है। देश के मध्य, उत्तर पश्चिम के इलाकों में बारिश की कमी सबसे ज्यादा दर्ज की गई है। यदि जुलाई में भी यह कमी बरकरार रहती है तो इन राज्यों में धान की रोपाई प्रभावित हो सकती है। मौसम विभाग के अनुसार उत्तर पश्चिमी राज्यों में राजस्थान, जम्मू-कश्मीर में बारिश सामान्य हुई है।
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