मेरठ ।यूपी के मेरठ जिले में पुलिस ने प्रधान पद के प्रत्याशी रहे सबी अख्तर के घर से कारतूस और तमंचा बनाने की फैक्ट्री का भंडाफोड़ कर प्रधान पद के प्रत्याशी सहित दो लोगो को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने प्रेसवार्ता कर घटना का खुलासा कर दिया। पुलिस का कहना है की सबी ने इसी साल अप्रैल माह में गांव में प्रधान पद के उम्मीदवार के लिए चुनाव लड़ा था, लेकिन वह चुनाव हार गया था। प्रधानपद का प्रत्याशी रहा सबी अख्तर के घर में कारतूस बनाने के साथ तमंचा फैक्ट्री भी चल रही थी। जानकारी के अनुसार वह बेडरूम में खुद रात में तमंचा बनाता था,वहीं कारतूसों के खोखे सप्लाई करने में यूपी पुलिस के कांस्टेबल के नाम का खुलासा किया गया है, इस लेकर जांच जारी है। पुलिस जाँच में खुलासा हुआ है,कि यह तमंचे आगामी चुनाव से पहले मेरठ, मुजफ्फरनगर, शामली में ऑन डिमांड सप्लाई होने वाले थे।
पुलिस ने बताया कि रुहासा गांव के सदरूद्दीन जो की पूर्व प्रधान रह चुका है, के घर पर हथियारों की सूचना मिली थी। इसी सूचना पर दबिश दी गई और पूर्व प्रधान के घर से बड़ी संख्या में कारतूस और फैक्ट्री मेड राइफल, एक बंदूक, तमंचे सहित कई हथियार बरामद किए गए। खुलासा हुआ कि आरोपी अपने ही घर में कारतूस और तमंचा बनाने की फैक्ट्री चला रहे थे। दबिश के दौरान गांव में सबी अख्तर पुत्र सदरूद्दीन निवासी ग्राम रूहासा थाना दौराला को गिरफ्तार किया। वहीं गिरफ्तार दूसरा आरोपी रजी अख्तर सबी अख्तर का भाई है। दोनों भाई पिछले तीन माह से अवैध तमंचे बनाने का काम कर रहे थे। तमाम कारतूस और हथियार बरामद करके जांच शुरू कर दी है। इस पूरे प्रकरण में आला अधिकारियों को भी सूचना दी गई है। माना जा रहा है कि तमाम कारतूस और अवैध हथियार चुनाव के लिए तैयार किए जा रहे थे।
पुलिस का कहना है की सबी अहमद ने गांव में प्रधान पद के लिए इसी साल चुनाव लड़ा था। जिसमें वह चुनाव हार गया था। सबी को लेकर कुछ लोगों को संदेह था की वह अवैध हथियार सप्लाई करता है। सबी ने पूछताछ में बताया की मैं अपने भाई के साथ मिलकर पिछले 3 माह से तमंचे, देशी तमंचे, रायफल बना रहा था। तमंचे को 2 हजार रुपये व देशी रायफल को 4 हजार रुपये में बेचा जाता था। बरामद हथियार मेरठ, मुजफ्फरनगर व शामली में सप्लाई किए जाने थे। सबी की पत्नी सबनम की सेफ से भारी संख्या में कारतूस भी बरामद किए किए हैं। सबी की पत्नी सबनम भी अवैध हथियार सप्लाई में शामिल रही है। जबकी रजी अख्तर की पत्नी रूबीना की भूमिका को लेकर पुलिस जांच कर रही है।
पूछताछ में खुलासा हुआ कि आरोपियों का चचेरा भाई जहीन यूपी पुलिस में सिपाही है और वर्तमान में देवबंद में जीआरपी में तैनात है। जहीन ही प्रतिबंधित.303 बोर के खोखे सप्लाई कर रहा था। यह कारतूस सिपाही से 5 हजार रुपये में खरीदे थे। गिरोह में तीन अन्य लोगो के भी शामिल होने की जानकारी पुलिस को मिली हैं जिनकी पुलिस तलाश कर रही है। आरोपियों के पास से एक फैक्ट्री मेड 315 बोर की राइफल, एक देसी बंदूक 12 बोर, एक .303 बोर का तमंचा, एक 12 बोर का तमंचा, 23 कारतूस .303 बोर, 315 बोर के पांच कारतूस, 29 खोखे 315 बोर वाले, 127 खोखे 12 बोर वाले और 12 बोर वाले 208 कारतूस जिंदा बरामद किए। इसके अलावा छर्रे के लिए इस्तेमाल होने वाला बारूद और सामान करीब 6.50 किलो बरामद किया।
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