नई दिल्ली। गंगनयान मिशन (Gaganyaan mission) के तहत दो मानवरहित यान अगले साल उड़ान भरेंगे. इस बात की जानकारी केंद्रीय मंत्री डॉक्टर जीतेंद्र सिंह (Dr Jitendra Singh) ने दी है. इनमें से एक यान अगली जनवरी में लॉन्च हो सकता है. उन्होंने बताया कि भारतीय दल को लेकर जा रहा यान साल 2023 में रवाना होगा. खास बात है कि भारत की पहली मानवयुक्त उड़ान 75वें स्वतंत्रता दिवस से पहले तय थी. इसकी घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने साल 2018 में की थी. हालांकि, कोरोना वायरस (Coronvirus) के चलते यह मिशन टल गया था.
केंद्रीय मंत्री ने उम्मीद जताई है कि मानव युक्त विमान और देश का समुद्र की गहराई वाला मिशन एक साथ शुरू हो सकते हैं. उन्होंने कहा, ‘समय ऐसा हो सकता है कि जैसे हम एक व्यक्ति को अंतरिक्ष में भेज रहे हैं, वैसे ही एक शख्स को समुद्र में 5 हजार मीटर नीचे भेज रहे हैं. डीप ओशियन एक्स्प्लोरेशन मिशन समय से पीछे चल रहा है, लेकिन अब इसने रफ्तार पकड़ ली है और हमने पहले ही मॉड्यूल की जांच कर ली है.’
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के समुद्रयान मिशन के तहत तैयार किए गए मॉड्यूल को अक्टूबर में 600 मीटर की गहराई में ले जाया गया था. 5 हजार मीटर की गहराई तक इंसान को भेजने से पहले मानवरहित मॉड्यूल की जांच की जाएगी. सिंह ने कहा, ‘हमारा मानवरहित वाहन जाने के लिए तैयार है. मानवरहित मिशन के बाद एक या डेढ़ साल के आसपास हम इंसानों को भेजने के लिए तैयार हो जाएंगे.’
बता दें कि यह घोषणा ऐसे समय पर की गई है, जब भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) महामारी के चलते अपने नियमित लॉन्च के मामले में पिछड़ रहा है. भारत ने बीते दो सालों में केवल चार लॉन्च मिशन किए हैं. अगर तुलना की जाए, तो चीन ने इस साल ही कम से कम 40 मिशन किए हैं, जो एक वैश्विक रिकॉर्ड है. आदित्य एल-1, स्पेस ऑब्जर्वेटरी XPoSat और चंद्रयान-3 तीन जैसे कई बड़े मिशन अटके हुए हैं.