पंथी नृत्य ने बनाई विश्व स्तर पर छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक पहचान : भूपेश बघेल
डॉ. राधेश्याम बारले ने कहा मुख्यमंत्री जी का मार्गदर्शन हमेशा मिला
रायपुर. मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज भिलाई रिसाली के दशहरा मैदान में आयोजित पद्मश्री डॉ. राधेश्याम बारले के अभिनंदन समारोह में शामिल हुए। उन्होंने समारोह में डॉ. राधेश्याम बारले का अभिनंदन कर उन्हें पद्श्री सम्मान से सम्मानित होने पर बधाई और शुभकामनाएं दी। श्री बघेल ने कहा कि डॉ. बारले को पंथी नृत्य के क्षेत्र में योगदान के लिए पद्श्री सम्मान मिलने से पूरा छत्तीसगढ़ गौरवान्वित हुआ है। उन्होंने कहा कि डॉ. बारले पंथी नृत्य के माध्यम से बाबा गुरू घासीदास जी के संदेश को जन-जन तक पहुंचा रहे हैं। उन्होंने अपनी कला साधना से छत्तीसगढ़ ही नहीं पूरे देश को गौरवान्वित किया है।
रिसाली के दशहरा मैदान में आयोजित पद्मश्री डॉ. राधेश्याम बारले
छत्तीसगढ़ के पंथी नृत्य के मशहूर कलाकार डॉ. राधेश्याम बारले को हाल ही में राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने पद्मश्री सम्मान से सम्मानित किया है। इस अवसर पर अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने कहा कि पंथी नृत्य के माध्यम से छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक पहचान अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बनी है। चाहे पंथी हो या पंडवानी हो। छत्तीसगढ़ की सुंदर सांस्कृतिक परंपरा रही है और इस सांस्कृतिक परंपरा पर हमें गौरव है। आज मैं डॉ. बारले एवं उनके परिजनों तथा पंथी कलाकारों से मिलकर एवं उनके सुंदर पंथी नृत्य को देखकर बहुत उल्लासित हुआ हूं। आप सभी ने बहुत आकर्षक सुंदर पंथी नृत्य प्रस्तुत किया है।
के अभिनंदन समारोह में शामिल हुए। उन्होंने समारोह में
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों से आए पंथी दल को 25 हजार रुपये देने की घोषणा की। इस मौके पर अपने संबोधन में गृह मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि प्रदेशभर से आई पंथी नृत्य की टोलियों ने बहुत सुंदर प्रदर्शन किया है। पंथी नृत्य की इस कला के लिए डॉक्टर बारले को पद्मश्री दिए जाने से पूरा छत्तीसगढ़ गौरवान्वित हुआ है।
डॉ. राधेश्याम बारले का अभिनंदन कर उन्हें पद्श्री सम्मान से सम्मानित होने पर बधाई और शुभकामनाएं दी।
इस अवसर पर अपने संबोधन में डॉ. बारले ने कहा कि मेरा यह सम्मान पंथी नृत्य का सम्मान है। सतनाम समाज का सम्मान है। बाबा गुरु घासीदास जी का सम्मान है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल का विशेष मार्गदर्शन इस संबंध में रहा है। 1988 में उन्होंने पंथी नृत्य में मेरी दिलचस्पी और मेरी कला को देखकर आकाशवाणी में मेरे लिए अनुशंसा पत्र लिखा था। इसके बाद आकाशवाणी में मेरे कार्यक्रमों की प्रस्तुति हुई और इसके माध्यम से मेरी कला का रास्ता खुला। इस मौके पर विधायक श्री देवेंद्र यादव, पूर्व मंत्री श्री धनेश पाटिला एवं अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।
पंथी नृत्य ने मोह लिया मन- इस मौके पर प्रदेश भर से आई पंथी नृत्य टोलियों ने अपने नृत्य कला का प्रदर्शन किया। पंथी विश्व के सबसे तेज नृत्यों में से एक है। पंथी कलाकारों के सामूहिक प्रदर्शन ने जन समूह का मन मोह लिया। उनकी अद्भुत गतिशीलता को देख आम जनता चकित रह गई। साथ ही कलाकारों के सुंदर गायन ने भी लोगों का मन मोह लिया।