व्यापार एवं व्यवसाय से जुड़े लोगों से लिए सुझाव
रायपुर. वाणिज्यिक कर मंत्री टी. एस. सिंहदेव ने आज विभिन्न व्यावसायिक एवं व्यापारिक संगठनों से जीएसटी की दिक्कतों, विसंगतियों और इसके सरलीकरण के संबंध में विस्तृत चर्चा की। उन्होंने दोनों संगठनों के पदाधिकारियों से इस संबंध में सुझाव भी प्राप्त किए। वाणिज्यिक कर विभाग के प्रमुख सचिव श्री गौरव द्विवेदी और आयुक्त श्री समीर विश्नोई भी इस दौरान मौजूद थे।
श्री सिंहदेव ने सिविल लाइन स्थित नवीन विश्राम भवन में आज हुई चर्चा के दौरान कहा कि कोरोना आने के बाद अर्थव्यवस्था पर विपरीत प्रभाव पड़ा है। इस दौरान जीएसटी और अन्य करों के कलेक्शन का भार सीधा-सीधा राज्यों पर पड़ा है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में पेट्रोलियम उत्पाद भी जीएसटी के दायरे में आ सकते हैं। अभी राज्यों को इसमें वैट का हिस्सा मिल रहा है। जीएसटी में आने के बाद यदि इसे 28 प्रतिशत के स्लैब में रखा गया तो राज्य सरकार को 14 प्रतिशत ही राजस्व मिलेगा। बांकी 14 प्रतिशत केंद्र सरकार रखेगी। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में व्यवसायियों, शासन और नागरिको के लिए व्यवस्था को बेहतर बनाने की दिशा में प्रतिनिधियों के विचार अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। व्यावसायिक संगठनों और प्रतिनिधियों के सुझाव लेने के लिए आज हम सभी साथ बैठे हैं। उन्होंने सभी पदाधिकारियों से आग्रह किया कि वे जीएसटी से संबंधित सुझाव अगले 2-3 दिनों में लिखित तौर पर विभाग को सौंपे।
वाणिज्यिक कर मंत्री श्री सिंहदेव ने बैठक में छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ कामर्स एण्ड इण्डस्ट्रीज, कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स, रायपुर आयरन एण्ड स्टील ट्रेड एसोसिएशन, छत्तीसगढ़ स्टील रि-रोलर्स एसोसिएशन, छत्तीसगढ़ आयरन एण्ड स्टील एजेन्ट एसोसिएशन, छत्तीसगढ़ मिनी स्टील प्लांट एसोसिएशन, रवि भवन व्यापारी संघ, छत्तीसगढ़ कम्प्यूटर एण्ड मीडिया डीलर्स एसोसिएशन, छत्तीसगढ़ इलेक्ट्रानिक्स ट्रेडर्स एसोसिएशन, छत्तीसगढ़ मोबाइल एसोसिएशन, डूमरतराई बिजनेस डेवलपर्स, डूमरतराई व्यापारी कल्याण महासंघ, रायपुर एफएमसीजी डिस्ट्रीब्यूटर एसोसिएशन, रायपुर टिम्बर मर्चेन्ट एसोसिएशन, रायपुर प्लायवुड ट्रेडर्स एसोसिएशन, छत्तीसगढ़ टिम्बर व्यापारी संघ, मार्बल एण्ड टाइल्स व्यवसायिक संघ, रायपुर क्रशर संचालक एसोसिएशन, थोक अनाज व्यवसायी कल्याण संघ, रायपुर दाल मिल एसोसिएशन तथा छत्तीसगढ़ प्रदेश राइस मिलर्स एसोसिएशन के प्रतिनिधियों से जीएसटी के सरलीकरण, विसंगतियों को दूर करने और ज्यादा कर संग्रहण के संबंध में सुझाव प्राप्त किए।