चीन | की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) नवंबर 2021 में अपना सबसे प्रमुख सम्मेलन करने जा रही है। इस सम्मेलन से फैसला होगा कि मौजूदा राष्ट्रपति शी जिनपिंग लगातार तीसरी बार सत्ता में आएंगे या चीन को कोई नया राष्ट्रपति मिलेगा। CCP का यह सम्मेलन 8-11 नवंबर तक होगा जिसमें पार्टी की प्रमुख उपलब्धियों, ऐतिहासिक अनुभवों आदि के साथ कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव की समीक्षा की जाएगी। इस सम्मेलन को बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि यह नेतृत्व परिवर्तन से पहले का आखिरी सबसे बड़ा सम्मेलन है।
माओ के बाद सबसे बड़े नेता हैं जिनपिंग?
68 साल के शी जिंगपिंग के लिए यह बैठक महत्वपूर्ण रहने वाला है क्योंकि वह पार्टी के संस्थापक माओत्से तुंग के बाद से सबसे शक्तिशाली चीनी नेता बनकर उभरे हैं। ऐसे में यह संभव है कि वह तीसरा कार्यकाल भी संभालें। माना जाता है कि जिनपिंग ने 2018 में एक संवैधानिक संशोधन करके चीन में राष्ट्रपति के लिए दो कार्यकाल की सीमा को हटा दिया था। 2016 में जिनपिंग को पार्टी द्वारा ‘कोर लीडर’ बनाया गया था। इससे पहले यह दर्जा सिर्फ माओ को मिला है।
चीन की राजनीति पर नजर रखने वाले एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह देखना मजेदार होगा कि माओ के उत्तराधिकारी देंग शियाओपिंग द्वारा अनौपचारिक नियम बने रहेंगे या नहीं। जैसे कि 68 साल की उम्र होने पर रिटायर होने वाली बात। बता दें कि शी जिनपिंग के साथ ही 2023 की शुरुआत में प्रीमियर ली केकियांग भी अपने दो कार्यकाल को पूरा कर लेंगे। पार्टी के पोलित ब्यूरो के 25 सदस्यों में भी करीब आधे अक्टूबर 2020 तक 68 साल के हो जाएंगे।
भ्रष्टाचार के बहाने राह के रोड़े को किनारा करते हैं जिनपिंग
सत्ता संभालने के बाद से जिनपिंग ने भ्रष्टाचार विरोधी अभियान चलाकर सत्ता पर अपनी पकड़ मजबूत की है। भ्रष्टाचार मामले को लेकर कई मंत्री, सेना के टॉप अधिकारी सहित कई अधिकारियों को दंडित किया है। हालांकि कई एक्सपर्ट्स का यह भी कहना है कि भ्रष्टाचार के बहाने जिनपिंग अपने राह के रोड़े को किनारे लगा देते हैं।
ताइवान, होन्ग-कोन्ग और भारत के साथ जारी सीमा विवाद को लेकर भी जिनपिंग ने चीन ने अपनी छवि मजबूत की है। ऐसे में जिनपिंग अपने तीसरे कार्यकाल की तैयारी को लेकर बेहद केंद्रित दिखे हैं। उन्होंने तीसरे कार्यकल को लेकर ‘सभी के लिए सामान्य समृद्धि’ सहित कई नए पहल की शुरुआत की है। ऐसे में एक्सपर्ट्स का मानना है कि जिनपिंग अपने तीसरे कार्यकाल से पहले सब कुछ अपने पक्ष में कर लेना चाहते हैं ताकि कोई उनके विरोध में न रहे।