जिले के तालाबों को सौर ऊर्जा से मिलेगी संजीवनी

by sadmin

-सौर ऊर्जा से एनीकट का जल भेजा जाएगा तालाबों में, कार्ययोजना तैयार
-कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने ली क्रेडा के अधिकारियों की बैठक
-सबसे ज्यादा लाभ होगा धमधा को क्योंकि यहां के सबसे कम तालाब एनीकटों से जुड़े

दुर्ग। जिले के अनेक गांवों के तालाबों में गर्मी के दिनों में पानी सूख जाता है और इसके कारण ग्रामीणों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। अब यह समस्या दूर हो सकेगी। शासन के क्रेडा विभाग ने इस संबंध में विस्तृत कार्ययोजना तैयार की है और इसके मुताबिक कार्य आरंभ हो जाएगा। कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने इस पर विस्तार से समीक्षा की। उन्होंने कहा कि दुर्ग और पाटन ब्लाक के गांवों में तालाबों को इन एनीकट के साथ जोड़ा गया है। कुछ तालाबों को जिन्हें नहीं जोड़ा गया हो, उन्हें भी कार्ययोजना में शामिल करें। धमधा ब्लाक के अनेक तालाब इससे अछूते हैं। इसकी कार्ययोजना कलेक्टर ने देखी और सुझावोंपरांत अंतिम रूप से मंगलवार को प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिये। बैठक में उपस्थित क्रेडा अधिकारी ने बताया कि शिवनाथ के बांयी ओर के तालाबों में ये समस्या है और इन्हें प्रमुखता से चिन्हांकित किया गया है। जिला पंचायत सीईओ सच्चिदानंद आलोक ने भी विभिन्न क्षेत्रों के बारे में बताया जहां सोलर इरीगेशन प्रोजेक्ट के माध्यम से सफलता हासिल की जा सकती है।
भूमिगत जल का स्तर बढ़ेगा- एनीकट में अतिरिक्त पानी का प्रवाह तालाबों में सोलर लिफ्ट के माध्यम से किया जा सकेगा। इससे तालाबों में जलस्तर बढ़ेगा। तालाबों में जलस्तर बढ़ने का प्रभाव आसपास के क्षेत्रों में भूमिगत जलस्तर में वृद्धि के रूप में होगा। निस्तारी की दिक्कत भी इससे दूर हो सकेगी। पानी के उचित उपयोग और एक-एक बूंद जल के संरक्षण के साथ ही जलसंरक्षण के परंपरागत स्रोतों तालाबों की धरोहरों को भी उपयोगी बनाने में यह योजना सहायक होगी।
डेढ़ किमी की दूरी तक स्थित तालाबों को जोड़ा जाएगा- इस योजना से नदी अथवा एनीकट से अधिकतम डेढ़ किमी की दूरी तक स्थित तालाबों को चुना जा सकेगा। इसमें दस बाई दो एचपी के दो मोटर लगाये जाएंगे। अंडरग्राउंड पाइपलाइन बिछाई जाएगी। पांच साल तक क्रेडा इसका रख-रखाव भी करेगी।

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