दुर्ग। शासन की महत्वकांक्षी योजना नरवा, गरवा, घुरवा और बाड़ी कार्यक्रम अंतर्गत 263 गौठानों का निर्माण किया है। योजना के सफल व सुचारू रूप से क्रियान्वयन के लिए महिला समूहों की भागीदारी सुनिश्चित किया गया है। महिलाओं को सशक्त बनाने की प्रयास में सफलता साफतौर देेखा जा सकता है। महिलाओं ने गौठान कार्यक्रम से जुड़कर अपने आप को साबित भी किया है। गोधन न्याय योजनांतर्गत विविध गतिविधियों का संचालन महिलाओं के द्वारा किया जा रहा है। समूहों के द्वारा सामुदायिक बाड़ी, मछली पालन, मुर्गी पालन, बटेर पालन, मशरूम पालन, गोबर का गमला, दिया, राखी एवं गतिविधियों का संचालन बखूबी कर आय अर्जित कर रखी है।
जिले में 450 समूहों के द्वारा गोधन न्याय योजना अंतर्गत वर्मी कंपोस्ट से अब तक 1 करोड़ 66 लाख 19 हजार रूपए का लाभ अर्जित किया गया है। साथ ही विविध गतिविधियों के जरिये 54 लाख 99 हजार रूपए का आय अर्जित किया गया है। इस प्रकार से महिला समूहों के द्वारा कम समय में कम परिश्रम व बिना परेशानी के अच्छा लाभ अर्जित किया गया है। महिला समूह आज विकास की दिशा मेें सकी्रय भागीदारी के आगे बढ़ रही है। शासन की गोधन न्याय योजना महिला समूहों के लिए कारगार साबित हो रहा है।
महिला समूहों द्वारा बनाए जा रहेे कंपोस्ट खाद से जैविक खाद को बढ़ावा मिला है। जैविक खाद से जमीन की उर्वरा शक्ति को बनाए रखने के साथ ही शुद्ध व रसायन विहिन साग, भाजी, फल व अन्य फसलों का उत्पादन किया जा रहा है। आज के इस दौर में बढ़ते प्रदूषण में कंपोस्ट खाद का महत्व हर जगह सार्थक साबित हो रहा है। जैविक खाद से उत्पादित फसलें स्वास्थ्य की दृष्टिकोण से काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिशा में महिला समूहों के द्वारा बनाए खाद से एक ओर जहां महिलाओं को संबल मिला है, वही पर्यावरण संरक्षण का कार्य को भी बल मिला है।
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