दक्षिणापथ, दुर्ग । वर्ष 2013 में दुर्ग जिले में चन्दूलाल चन्द्राकर मेमोरियल मेडिकल कॉलेज की स्थापना की गई थी, जहाँ 150 सीटों का मेडिकल कॉलेज एवं 750 बेड के अस्पताल का संचालन किया जा रहा था.
युवा नेता राहुल शर्मा ने कहां की 15 साल तक भाजपा सरकार में रही लेकिन राजधानी से लगा दुर्ग जिला एक मेडिकल कॉलेज के लिए तरसता रहा, जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था लगातार बदहाल रही. चन्दूलाल चन्द्राकर मेमोरियल मेडिकल कॉलेज के खुल जाने से दुर्ग जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूती मिली लेकिन कुछ कारणों से कॉलेज संचालन में दिक्कतें हुई जो कॉलेज हर साल 150 डॉक्टर पैदा कर रहा था और हजारों लोगों को उपचार कर रहा था उसे खुद ही ईलाज की जरूरत पड़ी लेकिन सत्ता के नशे में चूर भाजपा के नेताओं ने कभी सुध लेना जरूरी नही समझा.लगातार आ रही दिक्कतों के वजह से कॉलेज कर्ज में डूबता चला गया और अंततः अपनी अस्तित्व की लड़ाई लड़ने लगा. कॉलेज के बंद हो जाने से ना केवल पढ़ने वाले छात्रों का नुकसान हो रहा था बल्कि समूचे दुर्ग जिलेवासियों को भी इससे बड़ा नुकसान हो रहा था।
राहुल शर्मा ने कहां की कॉलेज को बचाने छात्रों से लेकर सामाजिक संगठनो ने भी लड़ाई लड़ी और लगातार मांगे करता रहा लेकिन सत्ता में बैठे लोगों की कानों में जूं तक नही रेंगी. ये महज संयोग ही कहे कि दुर्ग जिले के रहवासी छत्तीसगढ़ के माटी पुत्र भूपेश बघेल जी मुख्यमंत्री के पद पर आसीन हुए, उन तक भी ये बात पहुंची वो तो पहले से ही इस घटना से वाकिफ थे. इस कालेज का ना केवल छात्रों या दुर्ग वासियों के लिए बचाना जरूरी था बल्कि हमारे पुरखा स्व. चन्दूलाल चंद्राकर के नाम को अमर रखने के लिए भी कालेज को जीवित रखना आवश्यक था. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कालेज को बचाने की पहल करते हुए स्व. चन्दूलाल चंद्राकर के पुण्यतिथि पर कालेज के अधिग्रहण करने की घोषणा की. मुख्यमंत्री की इस ऐतिहासिक फैसले से ना केवल दुर्ग वासी गदगद हुए बल्कि समूचा छत्तीसगढ़ ख़ुशी से झूम उठा. कालेज अधिग्रहण के कानून को अमलीजामा पहनाने के एक दिन पहले ही विपक्षी और छत्तीसगढ़ की अस्मिता से खिलवाड़ करने वाले लोगों ने मीडिया के साथ मिल कर एक गंदी साजिश रची. जो लोग आज तक सरकारी सम्पतियों को बेचते आए वो सवाल पूछ रहे है कि चन्दूलाल चन्द्राकार मेमोरियल मेडिकल कॉलेज का शासकीयकरण क्यों ?
राहुल शर्मा ने कहा कि तो जान लीजिये कालेज के बंद हो जाने से हर साल 150 डॉक्टरों का नुकसान छत्तीसगढ़ को होगा, दुर्ग जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था कमजोर होगी. अगर सरकार दुर्ग जिले में नया मेडिकल कालेज शुरू करती भी तो लगभग 500 करोड़ रुपए का लागत आएगा इसके साथ ही पूरी प्रक्रिया में भी सालों लग जाएंगे. अगर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी छात्रों के हित में, दुर्ग वासियो के हित में, राज्य का खजाना बचाने, स्वास्थ्य सुविधा बढ़ाने के नाम पर किसी कालेज का अधिग्रहण कर रहें तो कौन सा गुनाह कर रहें है ? अगर जनता के स्वास्थ्य का ख्याल रखना गुनाह है तो भूपेश बघेल जी ऐसे गुनाह आप बार-बार कीजिए, छत्तीसगढ़ की ढाई करोड़ जनता आपके साथ खड़ी है.
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