दुर्ग जिले में स्थित सबसे बड़े उद्योग ने श्रमिकों को दिया धोखा!

by sadmin

अप्रैल से नहीं मिला वेतन प्रशासन से लगाई गुहार
दक्षिणापथ, दुर्ग(गुलाब देशमुख)।
दुर्ग जिले के औद्योगिक क्षेत्र बोरई में स्थित टॉपवर्थ स्टील प्रा. लि. द्वारा श्रमिकों एवं कर्मचारियों के साथ धोखाधड़ी व उत्पीड़न की शिकायत जिला कलेक्टर से की है। वहीं सहायक श्रम आयुक्त आर के प्रधान से श्रमिकों के प्रतिनिधिमंडल ने चर्चा की।
कंपनी के कुछ कर्मचारियों ने बताया कि पिछले कोविड-19 में 3 महीने का भी वेतन नहीं मिला और पी एफ दिसंबर 2019 जनवरी फरवरी-मार्च 2020 में 4 महीने कटौती की गई, और जमा भी नहीं किया क्या। कोरोना के बहाने कंपनी को मात्र 7 से 10 दिन तक बंद करने के लिए सर्कुलर जारी किया गया जिसे आज तक नहीं खोला गया है। उस पर पत्र में साफ लिखा गया था कि कर्मचारी कोविड से पीड़ित हैं जिसकी वजह से उत्पादन में बाधा उत्पन्न हो रही है इसके चलते कारखाना बंद किया जा रहा है जबकि इसके उलट मैनेजमेंट ने पूरे प्री प्लांन तरीके से कर्मचारियों को गुमराह किया गया। श्रमिकों ने बताया कि वेतन नहीं मिलने और प्लांट हेड द्वारा वेतन के बारे में पूछने पर नहीं मालूम कह दिया जाता है और प्लांट कब चालू होगा इस पर भी कुछ नहीं कहा जाता है जिससे हमारे पास रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया है हमारे सामने मरने की नौबत आ गई है। विदित हो कि प्लांट में लगभग 1000 से 1200 कर्मचारी कार्यरत हैं जिसमें ठेका श्रमिकों की भी संख्या भी बहुत ज्यादा है जो आसपास के क्षेत्र से ही है। जो पहले से ही बेरोजगार हो चुके हैं। पिछले कोरोना वर्ष में भी वेतन के लाले पड़ गए थे इस बार राशन लेने के लाले पड़ गए हैं।
विदित हो कि दुर्ग ग्रामीण विधानसभा का सबसे ज्यादा रोजगार देने वाला क्षेत्र आज बेरोजगारी की मार से जूझ रहा है, ऑन रोल जॉब करने वाले कर्मचारी अब बेरोजगारी की कगार पर खड़े हैं।
विश्वस्त सूत्रों के अनुसार कंपनी अपने आप को नुकसान में दिखाकर बैंक लोन नहीं चुका पाई जिस पर बैंक द्वारा प्राधिकृत अधिकारी नियुक्त किए हैं जो कंपनी का संचालन देख रही है और बैंक को लगातार नुकसान दिखाकर कर्मचारियों एवं ठेका श्रमिकों को प्रताड़ित कर रही है। जिसके चलते जिलाधीश एवं सहायक श्रम आयुक्त के कार्यालय में पहुंचकर लगभग सैकड़ों कर्मचारियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।

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