दक्षिणापथ, दुर्ग। शासकीय डॉ विश्वनाथ यादव तामस्कर विज्ञान महाविद्यालय परिसर में चल रहे विकास कार्यों के ठप्प पड़ जाने पर वरिष्ठ कांग्रेस विधायक अरुण वोरा ने नगर निगम प्रशासन और पीडब्लूडी विभाग के अफसरों से नाराजगी व्यक्त करते हुए जमकर क्लास लगाई। उन्होंने कहा कि कार्य के प्रति लापरवाही से साइंस कालेज परिसर की दुर्गति हो गई है। यहां 16 लाख की लागत से संपवेल निर्माण के लिए गड्ढा खोदा गया और इसके बाद महीनों से निर्माण बंद पड़ा है। गड्ढे को खुला छोड़ देने से यहां कभी भी जानलेवा हादसा हो सकता है। परिसर में 16 करोड़ की लागत से ऑडिटोरियम निर्माण और एक करोड़ की लागत से कांफ्रेंस हाल सह ऑटोनॉमस भवन का निर्माण भी अधूरा पड़ा है।
डिस्ट्रिक्ट माइनिंग फंड (डीएमएफ) से साइंस कालेज में पेयजल उपलब्ध कराने के लिए कॉलेज परिसर में पाइपलाइन बिछाने के साथ ही संपवेल का निर्माण किया जाना है। नगर निगम प्रशासन ने टेंडर प्रक्रिया पूरी करने के बाद इसके निर्माण की प्रगति की समीक्षा नहीं की। ठेकेदार ने संपवेल बनाने करीब 12 फीट गहरा गड्ढा खोदने के बाद कई महीने से काम बंद कर दिया है। गड्ढे में बारिश का पानी भरा है। इसके चारों ओर बेरिकेड या रेडियम पट्टी लगाने जैसी सावधानी बरतने की बजाय ठेकेदार ने इसे खुला छोड़ दिया है। यहां कभी भी गंभीर हादसा हो सकता है।
कॉलेज गेट के भीतर खस्ताहाल सड़क
छत्तीसगढ़ के सबसे प्रतिष्ठित कॉलेजों में से एक साइंस कॉलेज के गेट से प्रवेश करते ही सड़क की खस्ताहालत देखी जा सकती है। कॉलेज के प्राचार्य आरएन सिंह ने बताया कि तेज बारिश होने पर घुटनों तक पानी भर जाता है। कई बार इस समस्या का निराकरण करने विभागीय अफसरों को कहा जा चुका है, लेकिन स्थिति जस की तस है। सड़क के किनारे पाइपलाइन बिछाने गड्ढा खोदने के दौरान सड़क पहले से भी ज्यादा खस्ताहाल हो गई। पीडब्लूडी के ईई एके श्रीवास से कई बार समस्या बताने के बावजूद सड़क का निर्माण नहीं किया गया है।
वोरा ने अधूरे कार्यों को पूरा करने एवं रुके हुए कार्य तत्काल प्रारंभ करवाने के निर्देश दिये।
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