दक्षिणापथ, रिसाली। आस पास में बिखरे सामान को एकत्र कर अगर उपयोग किया जाए तो काफी पैसा व समय बचाया जा सकता है। साथ ही कबाड़ को खत्म भी किया जा सकता है। ऐसा ही कुछ रिसाली नगर पालिक निगम के स्वास्थ्य विभाग के कार्यरत कर्मचारियों ने किया। वन होम, वन ट्री योजना के तहत लगाए गए पौध की सुरक्षा के लिए मुक्तिधाम में पुराने पड़े ढेरों बांस का उपयोग किया।
पौध तो लगाते है, लेकिन उसकी सुरक्षा को भगवान भरोसे छोड़ देते है। पौध में सुरक्षा घेरा नहीं होने से आवारा मवेशी पौध को आहार बना लेते हैं कई बार पौध की जगह केवल टूठ ही नजर आता है। 6 जुलाई को रिसाली नगर पालिक निगम कार्यालय में पौध रोपण की सुरक्षा करने की जिम्मेदारी निगम आयुक्त प्रकाश कुमार सर्वे व नोडल अधिकारी रमाकांत साहू ने स्वास्थ्य विभाग को दी। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने पौध की सुरक्षा के लिए भारी भरकम राशि खर्च करने के बजाए जुगाड़ से सुरक्षा करने प्लान बनाया और कुछ ही घंटे में लगभग 50 से ज्यादा पौध को सुरक्षित करने घेरा तैयार किया।
ऐसे किया जुगाड़
स्वास्थ्य निरीक्षक (प्रभारी) बृजेन्द्र परिहार ने बताया कि निगम प्रशासन ने ट्री की सुरक्षा के लिए जाली खरीदा था। जाली को पौध के चारो ओर लगाने बल्ली या सरिया की आवश्यकता थी। दोनो नही होने से मुक्तिधाम में अर्थी लाने बांस के बने खटली का ध्यान आया। रिसाली मुक्तिधाम के एक हिस्से में बांस का ढेर होने से उसका इस्तमाल सरिया और बल्ली की तरह कर राशि बचा ली गई।
कपड़ा जलाने पर मनाहीं
स्वास्थ्य विभाग कर्मचारियों ने बताया कि शव के साथ आया कपड़ा को वे जलाने नहीं देते है। उसे एक जगह एकत्र करवाकर रख देते है। इसका उपयोग खेत के बाड़ बनाने के काम में आता है। आवश्यकता पडऩे पर लोग उसे मांगकर ले जाते है। रंग बिरंगी कपड़ा खेत के चारों ओर होने से मवेशी व बंदर फसल तक नहीं पहुंचते।
मटके का उपयोग गमला के रूप में
रिसाली नगर पालिक निगम का मुक्तिधाम शहर का सबसे खूबसूरत मुक्तिधाम है। यहां 100 से ज्यादा अलग-अलग प्रजाति का पौध लगा हुआ है जो वृक्ष का आकार ले चुके है। अंतिम संस्कार के समय उपयोग में लाए सही सलामत मटके को निगम के कर्मचारी गमले की तरह उपयोग कर पौध को सुरक्षित रखते है और बड़ा होने पर उसी जमीन पर रोपते है।
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