आजादी की लड़ाई के बाद आपातकाल देश के लिए रहा सबसे बड़ा संकट- नेता प्रतिपक्ष कौशिक

by sadmin

कहा पेट्रोलियम पदार्थ की मूल्य में कमी के लिए राज्य की कांग्रेस सरकार टैक्स करे कम
दक्षिणापथ, दुर्ग।
छत्तीसगढ़ विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक शुक्रवार की दोपहर दुर्ग पहुंचे। यहां उन्होने जिला भाजपा कार्यालय में मीडिया से चर्चा करते हुए 25 जून 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा देश में लगाए गए आपातकाल को इतिहास में लोकतंत्र के लिए सबसे बड़ा काला दिवस बताया। उन्होने कहा कि आपातकाल के समय देश की आंतरिक सुरक्षा, विदेशी आक्रमण या आर्थिक साख को कोई खतरा नहीं था। बावजूद इंदिरा गांधी ने केवल अपनी कुर्सी बचाने देश को आपातकाल में झोंक दिया था। आपातकाल में नागरिकों के सभी अधिकार छीन लिए गए थे। सेंसरशीप का बोलबाला चरम पर था। विरोधियों को जबरदस्ती सलाखों के पीछे भेजा गया। यह आपातकाल आजादी की लड़ाई के बाद देश के लिए सबसे बड़ा संकटकाल था। जिसकी दमनात्मक यादें आज भी देश के लोगों को पीड़ा देती है। चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष श्री कौशिक के साथ पूर्व मंत्री रमशीला साहू, पूर्व संसदीय सचिव लाभचंद बाफना, पूर्व विधायक सांवलाराम डाहरे, पूर्व महापौर चंद्रिका चंद्राकर, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष माया बेलचंदन, जिला भाजपा महामंत्री ललित चंद्राकर, नटवर ताम्रकार, नगर निगम नेता प्रतिपक्ष अजय वर्मा भी मौजूद थे। छत्तीसगढ़ विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने चर्चा में आगे कहा कि छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल राज्य सरकार की कार्यशैली से इन तीनों राज्यों में आपातकाल जैसी स्थिति का अहसास होता है। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार ने ढाई वर्ष का कार्यकाल पूरे कर लिए है, लेकिन यहां लोगों को बोलने की आजादी नहीं है। इसका बड़ा उदाहरण पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, भाजपा प्रवक्ता संमीत पात्रा एवं अन्य भाजपा नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाना है। राज्य में भ्रष्टाचार फल-फुल रहा है। कानून व्यवस्था चरमरा गई है। पूरे प्रदेश में अराजकता का माहौल है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल व गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू का गृह जिला दुर्ग सुरक्षित नहीं है। यहां कई बड़े आपराधिक वारदात सामने आए है। फिर राज्य के अन्य जिलों में कानून व्यवस्था कैसी होगी। इसका सहज अनुमान लगाया जा सकता है। उन्होने कहा कि आपातकाल के मीसाबंदियों को पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के कार्यकाल में सम्मान के तौर पर मानदेय राशि देने की शुरुवात की गई थी, लेकिन सत्ता में आते ही भूपेश बघेल सरकार द्वारा बदलापुर की राजनीति करते हुए सम्मान राशि देना बंद कर दिया गया। हाईकोर्ट ने मीसाबंदियों को सम्मान राशि देने राज्य सरकार को आदेशित भी किया, लेकिन इस पर राज्य सरकार आनाकानी कर रही है। जो बड़े चिंता का विषय है। श्री कौशिक ने कहा कि छत्तीसगढ़ की चार चिन्हारी गरवा,घुरवा,नरवा व बारी राज्य सरकार की ड्रीम प्रोजेक्ट है। जिसका लोगों को धरातल में लाभ नहीं मिल रहा है। ऐसी ही राज्य सरकार की कई अन्य योजनाएं जो फेल साबित हो रही है। राज्य की भूपेश सरकार केन्द्र सरकार के कार्यो के भरोसे वाहवाही लूट रही है। नेता प्रतिपक्ष श्री कौशिक ने छत्तीसगढ़ के भूपेश सरकार के ढाई वर्ष के कार्यकाल को असफल बताते हुए कहा कि भाजपा ने भूपेश सरकार को कार्य करने का पर्याप्त अवसर दिया है, लेकिन राज्य सरकार अपने वादों से मुकर रही है। किसानों, बेरोजगारों व युवाओं से किए गए वादे अब तक पूरे नहीं किए गए है। जिससे इन वर्गो के अलावा जनता में आक्रोश है। राज्य सरकार के इस वादाखिलाफी को लेकर भाजपा सड़क से सदन तक की लड़ाई लडऩे तैयार है। नेता प्रतिपक्ष श्री कौशिक ने कहा है कि भूपेश सरकार ने चुनाव पूर्व पूर्ण शराबबंदी का वादा किया था, लेकिन इस वादे को भूल राज्य सरकार घर-घर शराब पहुंचा रही है। कोरोनाकाल में राज्य सरकार का ध्यान दवाई से ज्यादा दारु पर रहा है। इसलिए कोविड टीकाकरण को लेकर प्रदेश में परेशानी की स्थिति निर्मित हुई। छत्तीसगढ़ विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने महंगाई से जुड़े एक सवाल के जवाब में कहा कि पेट्रोल-डीजल व गैस के दाम अंतर्राष्ट्रीय बाजार से तय होते है। केन्द्र सरकार को महंगाई बढऩे की चिंता है। कांग्रेस के राष्ट्रीय नेता राहुल गांधी के प्रदर्शन के आह्वान से मंहगाई कम होने वाली नहीं है। राज्य की कांग्रेस सरकार टैक्स कम करे तो महंगाई से जनता को राहत मिलेगी।

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