सीबीएसई का फॉर्मूला : 12वीं के लिए 11वीं के अंकों को 30 फीसदी वरीयता से छात्र नाखुश

by sadmin

12वीं का रिजल्ट तैयार करने के सीबीएसई के फॉर्मूले ने बड़ी संख्या में छात्रों की चिंता भी बढ़ाई है। सबसे ज्यादा परेशान विज्ञान वर्ग के छात्र हैं। इसकी वजह 12वीं के परिणाम में 11वीं कक्षा के प्र्रदर्शन को 30 फीसदी वेटेज देना है। छात्रों का मानना है कि यह फार्मूला कुछ हद तक आर्ट्स के छात्रों के लिए ठीक हो सकता है, लेकिन जेईई, नीट समेत दूसरी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए इससे बड़ा नुकसान होगा।

ऐसे छात्रों ने जोर 11वीं की परीक्षा पर नहीं होता। इसकी जगह वह प्रतियोगी परीक्षाओं पर फोकस रखते हए 10वीं और 12वीं बोर्ड को ही ज्यादा प्राथमिकता देते हैं। केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियल निशंक के नए फॉर्मूले को लेकर ट्वीट करने पर छात्रों ने अपनी चिंता जाहिर करते हुए इस बारे में गुजारिशी कमेंट भी किया है। इस सबके बीच दिलचस्प यह कि सोमवार को सुप्रीम कोर्ट सीबीएसई के फार्मूले पर सुनवाई करेगा।

केंद्रीय शिक्षा मंत्री का ट्वीट
परिणाम 10वीं थ्योरी के 30 फीसदी, 11वीं कक्षा की थ्योरी के 30 फीसदी और 12वीं कक्षा के 40फीसदी अंकों पर आधारित होगा। 12वीं कक्षा में प्रायोगिक परीक्षाओं में मिले अंकों को भी जोड़ा जाएगा। -रमेश पोखरियाल निशंक, केंद्रीय शिक्षा मंत्री

छात्रों की गुजारिश, 11वीं को कम दिया जाए वेटेज
आदरणीय सर, कृपया 12वीं कक्षा के परिणामों में 11वीं के अंकों को शामिल न किया जाए। अधिकांश छात्र कक्षा 11वीं में कम अंक लाते हैं। इसके बदले वे 10वीं और 12वीं में अधिक मेहनत करते हैं। बच्चों को नहीं पता था कि 11वीं अंकों को महत्व दिया जाएगा। बीस फीसदी का वेटेज भी बहुत ज्यादा है।
-अभिनव

नई नीति छात्रों के हित में नहीं है। विशेषकर पीसीएम विषयों के साथ जेईई की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए। 11वीं में आकर बच्चे जेईई की तैयारी करते हैं। नॉन साइंस वाले छात्र बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं। छात्र का बेहतर प्रदर्शन अंतिम सत्र की परीक्षाओं में होता है न कि प्री बोर्ड और अर्धवार्षिकी परीक्षाओं में। फॉर्मूले में अतिरिक्त अंक देने के लिए भी कोई बात नहीं है, इसमें संशोधन होना चाहिए।
-मनदीप

सीबीएसई को नहीं पता है कि अधिकांश छात्र 11वीं कक्षा को गंभीरता से नहीं लेते हैं। विशेषतौर पर विज्ञान वर्ग से पढ़ने वाले छात्र। ऐसे में यह बेहतर होगा कि नए फॉर्मूले के तहत 10फीसदी अंकों को 12वीं के 40 फीसदी में जोड़ दिया जाए।
-राहुल रॉय

कक्षा 10वीं और 12वीं के सिलेबस में काफी अंतर है। यहां तक कि जिन छात्रों के 10वीं में 90 फीसदी हैं उनके 11वीं में बहुत कम अंक हैं। ऐसे में कक्षा 11वीं के अंकों को नए फॉर्मूले में शामिल नहीं करना चाहिए।
-अभिनव बिष्ट

सीबीएसई के नए फॉर्मूले में 11वीं कक्षा से 30 फीसदी वेटेज से घटाकर इसे 10 से20 फीसदी करवा देना चाहिए। इस अंक को 10वीं या 12वीं के वेटेज में जोड़ देना चाहिए। इससे विज्ञान वर्ग के साथ आर्ट्स और कॉमर्स वर्ग के छात्रों को भी लाभ होगा। फॉर्मूले में बदलाव की जरूरत है।
-नंदन शर्मा

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