-बड़े लड़के को श्रम विभाग में मिली सरकारी नौकरी, पिता के जाने के बाद बड़े भाई होने के नाते इन पर परिवार की पूरी जिम्मेदारी, श्रम विभाग की नौकरी से दायित्वों को पूरा करने की दिशा में मिला संबल
-श्रम निरीक्षक अशोक मिश्रा के पुत्र को भी मिली नियुक्ति
दक्षिणापथ, दुर्ग। कोरोना वायरस के संक्रमण की वजह से प्रदेश में अधिकारियों-कर्मचारियों ने भी असमय अपना जीवन खोया है। ऐसे अधिकारी-कर्मचारियों के परिजनों को त्वरित राहत देने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 31 मई तक अनुकंपा नियुक्ति में दस फीसदी की सीमा को शिथिल किये जाने का निर्णय लिया था। इसकी वजह से कोरोना अथवा अन्य बीमारियों की वजह से अपने प्रियजनों को खो चुके परिजनों के लिए यह निर्णय बड़ा संबल बनकर आया है। नियमों में शिथिलता की वजह से अनेक नियुक्तियों के लिए रास्ता खुला है। गड़रिया परिवार के लिए भी यह निर्णय संबल के रूप में आया है। स्व. परसराम साहू ने अनेक वर्षों तक भृत्य के रूप में अपनी सेवाएं औद्योगिक सुरक्षा एवं स्वास्थ्य कार्यालय में दी थी। उनकी 22 अप्रैल को मृत्यु हुई। महीने भर बाद इनके परिजनों ने अनुकंपा नियुक्ति का आवेदन लगाया। आवेदन के एक हफ्ते के भीतर ही बड़े लड़के पकेश्वर को श्रम विभाग में सहायक ग्रेड 3 के पद पर नियुक्ति मिल गई है। पकेश्वर ने बताया कि पिता के जाने का दुख हमेशा रहेगा। उनके नहीं रहने से परिवार के खर्च के संबंध में भी चिंताएं थीं क्योंकि वे एक स्कूल बस में हेल्पर के रूप में कार्यरत थे और वहाँ तनख्वाह अच्छी नहीं थी। उन्होंने कहा कि अब छोटे भाई की भी पढ़ाई जारी रख सकूंगा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के इस निर्णय से बहुत जल्द नियुक्ति मिल गई। यह उम्मीद थी कि पिता की जगह अनुकंपा नियुक्ति मिल जाएगी लेकिन मैंने सुना था कि ऐसी प्रक्रिया में बहुत समय लगता है। जब आवेदन के एक हफ्ते के भीतर ही मेरे पास ज्वाइन करने के लिए फोन आया तो मुझे यकीन नहीं हुआ। मैंने श्रम पदाधिकारी रमेश प्रधान के पास जाकर नियुक्ति पत्र प्राप्त किया। उनकी माता श्रीमती पार्वती गड़रिया ने बताया कि मेरे पति ने अपनी पूरी निष्ठा के साथ श्रम विभाग के लिए काम किया। उनके नहीं रहने पर विभाग ने संवेदनशीलता दिखाते हुए मेरे पुत्र को नियुक्ति दी। इसके लिए मैं शासन के प्रति धन्यवाद देती हूँ।
श्रम निरीक्षक के पुत्र को भी मिली नियुक्ति
जिले में श्रम निरीक्षक के रूप में पदस्थ अधिकारी अशोक मिश्रा के निधन के पश्चात उनके पुत्र अंकुर मिश्रा को भी नियुक्ति मिली है। श्री मिश्रा श्रम विभाग के कर्तव्यशील अधिकारी थे और अपनी कार्यकुशलता के लिए काफी सम्माननीय थे। उनके परिवारजनों ने बताया कि अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवेदन लगाया था। उम्मीद थी कि कुछ महीनों में आवेदन स्वीकृत हो जाएगा लेकिन विभाग द्वारा एक हफ्ते के भीतर ही आवेदन पर कार्रवाई कर दी गई। अंकुर ने बताया कि जिला श्रम पदाधिकारी रमेश प्रधान ने फोन कर जानकारी दी। उनके परिवार ने भी इस तत्परता से और दस फीसदी की सीमा को 31 मई तक शिथिल किये जाने के निर्णय के लिए शासन के प्रति आभार व्यक्त किया है।