बिलासपुर । बिल्हा ब्लॉक के अंतर्गत एक ग्राम पंचायत के 4 तालाबों पर प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त किए बिना अवैध मछली पालन का कार्य किया जा रहा है जो कि सरपंच , सचिव की मिलीभगत पर यह कार्य होना बताया जा रहा है। मामले पर मत्स्य विभाग बहुत जल्द बड़ी कार्यवाही कर सकता है।
शहर से लगभग 5 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत कोरमी के राम सागर तालाब, ननकी डबरी तालाब, खोरी डबरी तालाब, व एक अन्य तालाब पर मछली पालन का कार्य किया जा रहा है संपूर्ण तालाब का रकबा लगभग 6 एकड़ माना जाता है। उक्त तालाबे शासकीय तालाब है। इसलिए नियंता उक्त तालाबों पर मछली पालन के लिए 10 वर्ष हेतु पट्टे पर प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त किया जाना था। लेकिन ऐसा नहीं किया गया है। पंचायत स्तर पर मछली पालन करने के लिए सर्वप्रथम ग्राम पंचायत पर स्थित उक्त तालाबों के लिए 10 वर्ष पट्टे कि अनुमति प्राप्त करने हेतु प्रस्ताव बनाकर क्षेत्रीय ब्लॉक के मत्स्य निरीक्षक के पास जमा किया जाता है । उक्त प्रस्ताव को निरीक्षक मत्स्य विभाग बिलासपुर कार्यालय पर जमा कर देता है उसके उपरांत विभाग के प्रमुख अधिकारी अनुमोदन करके उक्त प्रस्ताव को जिला पंचायत बिलासपुर को स्वीकृति के लिए प्रेषित करता है । उसके बाद जिला पंचायत प्रस्ताव को पास कर ग्राम पंचायत तालाबों को 10 वर्ष के लिए लीज पर मछली पालन हेतु देता है। ग्राम पंचायत को पट्टे पर अधिकार प्राप्त होने के पश्चात तालाबों पर मछली पालन के लिए नीलामी की प्रक्रिया किया जाता है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार नीलामी प्रक्रिया के तहत सर्वप्रथम मछुआ सहकारी समितियों को पात्रता दिया जाता है। अगर नीलामी प्रक्रिया पर मछुआ सहकारी समिति नहीं आती है तब ग्राम पंचायत के हि मछुआ समिति, महिला समिति, फिर उसके बाद आरक्षण के आधार पर एसटी, एससी, ओबीसी को मछली पालन हेतु प्राथमिकता दीया जाना होता है। लेकिन ग्राम पंचायत कोरमी में इस तरह की प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया है। जो कि मत्स्य नीति के विपरीत है।सूत्रों का कहना है कि सरपंच, सचिव ने अपने निजी व्यक्तियों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से उन्हें 1 वर्ष के लिए तालाबों पर मछली पालन करने कि अनुमति दिया गया है। मामले पर बहुत जल्द मत्स्य विभाग बड़ी कार्यवाही कर सकता है।
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